Rohini Acharya Controversy: लालू परिवार में रोहिणी आचार्या के आरोपों के बाद हाईवोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया है। रोहिणी ने तेजस्वी यादव के करीबी रमीज नेमत खान पर उनके ‘अपमान’ का आरोप लगाया है, जिससे RJD में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है।
Rameez Nemat Khan Allegations: बिहार की राजनीति इन दिनों पारिवारिक विवाद की तेज़ आंच में तप रही है। RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया और मीडिया इंटरव्यू में जो आरोप लगाए, उसने पार्टी की अंदरूनी खेमेबाज़ी को सार्वजनिक कर दिया। रोहिणी ने अपने “अपमान” और “उपेक्षा” की बात करते हुए दो लोगों का नाम लिया, पहला संजय यादव और दूसरा रमीज नेमत खान। इन दोनों में से खासतौर पर रमीज का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में है, क्योंकि जनता और मीडिया दोनों के लिए यह नाम अचानक सामने आया।
रमीज नेमत खान वह शख्स हैं जिन्हें तेजस्वी यादव के बेहद करीबी और भरोसेमंद व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है। अब तक वे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान में नहीं थे, लेकिन रोहिणी के बयान के बाद सबसे बड़ी चर्चा का विषय बन चुके हैं। बताया जाता है कि वे तेजस्वी की सोशल मीडिया स्ट्रैटेजी, कैंपेन मॉनिटरिंग और कोर टीम के अहम फैसलों में शामिल रहे हैं। आरोप है कि रमीज की बढ़ती दखलंदाजी से परिवार के भीतर मतभेद बढ़े, जिसका विरोध सबसे पहले रोहिणी ने खुलकर किया।
रमीज की तेजस्वी यादव से मुलाकात साल 2008-09 में क्रिकेट खेलते हुए हुई थी। उस समय वे झारखंड अंडर-22 टीम के कप्तान थे, जबकि तेजस्वी भी इसी टीम के खिलाड़ी रहे। यहीं से दोनों के बीच दोस्ती शुरू हुई, जो आगे चलकर राजनीतिक गठजोड़ में बदल गई। 2016 में जब रमीज ने RJD की कैंपेन टीम से जुड़ाव बनाया, तब से वे तेजस्वी के गोपनीय दल का हिस्सा माने जाते हैं।
रमीज केवल तेजस्वी के दोस्त ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के बलरामपुर इलाके के प्रमुख राजनीतिक घरानों से जुड़े हैं। वे पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं, जो सियासत में बेहद सक्रिय और प्रभावशाली माने जाते हैं। रमीज की सास जेबा रिजवान दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। इस राजनीतिक रिश्तेदारी ने रमीज को न सिर्फ नेटवर्क दिया बल्कि एक मजबूत बैकग्राउंड भी।
रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कुछ लोग तेजस्वी और लालू परिवार को गलत दिशा में ले जा रहे हैं। उन्होंने इशारा किया कि इन्हीं लोगों की वजह से उन्हें उपेक्षा और अपमान झेलना पड़ा। बयान में उन्होंने रमीज और संजय यादव जैसे नामों का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि वे परिवार से दूरी बनाने का फैसला ले रही हैं। रोहिणी के इस शब्द ‘अपमान’ ने पूरे विवाद को भावनात्मक मोड़ दिया और राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े हो गए।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि तेजस्वी की टीम में बाहरी प्रभाव बढ़ने से परिवार के भीतर असंतोष पनपा। रोहिणी का इशारा भी इसी तरफ माना जा रहा है, जिसमें रमीज का नाम सबसे आगे है। कई लोग इसे RJD में शक्ति संतुलन बदलने का संकेत मान रहे हैं, जहां तेजस्वी के बाद अब परिवार के भीतर ही असहमति खुलकर सामने आ रही है।
रोहिणी और रमीज के बीच क्या विवाद है, यह पूरी तरह सामने नहीं आया, लेकिन यह तय है कि इस विवाद ने RJD की राजनीतिक स्थिति को हिला दिया है। क्या रमीज वाकई लालू परिवार की अंदरूनी टकराहट की वजह हैं, या यह सिर्फ राजनीतिक तनाव का हिस्सा है, इस पर आने वाले दिनों में तस्वीर और साफ होगी।