बैंगलोर

कर्नाटक के चार जिलों में मंकी फीवर के 13 पुष्ट मामले

शिवमोग्गा में एक केएफडी लैब कार्यरत है, लेकिन मामलों का दबाव बढऩे के कारण सिरसी में नई लैब के लिए सभी आवश्यक उपकरण खरीदे जा चुके हैं और जल्द ही संचालन शुरू होगा। इससे सिरसी और सिद्धपुर क्षेत्र के लोगों को विशेष लाभ मिलेगा। समय पर जांच से रोग की शीघ्र पहचान होगी और मृत्यु दर को शून्य तक लाने में मदद मिलेगी।

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Dec 26, 2025
अब तक शिवमोग्गा में 1163, चिक्कमगलूरु में 124, उत्तर कन्नड़ में 368 और उडुपी में 12 लोगों की एहतियाती जांच की गई है। इनमें 13 मामलों की पुष्टि हुई, सभी को सही उपचार देकर स्वस्थ किया गया।

- सिरसी में जल्द शुरू होगी एक और केएफडी जांच लैब

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडूराव ने कहा कि मंकी फीवर Monkey Fever (कायासनूर फॉरेस्ट डिजीज यानी केएफडी) की रोकथाम और समय पर पहचान के लिए उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी में एक नई जांच प्रयोगशाला शीघ्र शुरू की जाएगी। उन्होंने बुधवार को विकास सौधा में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह जानकारी दी।

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मंत्री ने बताया कि फिलहाल शिवमोग्गा में एक केएफडी लैब कार्यरत है, लेकिन मामलों का दबाव बढऩे के कारण सिरसी में नई लैब के लिए सभी आवश्यक उपकरण खरीदे जा चुके हैं और जल्द ही संचालन शुरू होगा। इससे सिरसी और सिद्धपुर क्षेत्र के लोगों को विशेष लाभ मिलेगा। समय पर जांच से रोग की शीघ्र पहचान होगी और मृत्यु दर को शून्य तक लाने में मदद मिलेगी।

अक्टूबर से जून के बीच अधिक मामले

मंत्री ने कहा कि मंकी फीवर हर वर्ष अक्टूबर से जून के बीच अधिक देखने को मिलता है। यह रोग मुख्य रूप से शिवमोग्गा, उत्तर कन्नड़, चिक्कमगलूरु और उडुपी जिलों में पाया जाता है। इसे नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है और नियमित रूप से जांच की जा रही है। अब तक शिवमोग्गा में 1163, चिक्कमगलूरु में 124, उत्तर कन्नड़ में 368 और उडुपी में 12 लोगों की एहतियाती जांच की गई है। इनमें 13 मामलों की पुष्टि हुई, सभी को सही उपचार देकर स्वस्थ किया गया।

तीन रेफरल अस्पताल चिन्हित

मणिपाल के कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, शिवमोग्गा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस और कारवार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस को रेफरल अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है।

तीन सप्ताह तक निगरानी

सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया है और तीर्थहली, सागर, सिद्धपुर, होन्नवर, कोप्पा और एन.आर. पुर तालुक अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था की गई है। प्रारंभिक चरण में उपचार लेने वाले मरीजों की अगले 21 दिनों तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर निगरानी की जाएगी। सभी केएफडी मरीजों को नि:शुल्क एम्बुलेंस और पूर्ण उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। लक्ष्य है कि इस बार एक भी केएफडी मौत न हो।

नए वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल जारी

मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) नए वैक्सीन Vaccine का क्लिनिकल ट्रायल कर रहा है। उम्मीद है कि एक वर्ष के भीतर यह टीका आम जनता के लिए उपलब्ध हो सकेगा।

Updated on:
26 Dec 2025 06:59 pm
Published on:
26 Dec 2025 06:57 pm
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