बांसवाड़ा

Silver Price Hike : ‘सफेद सोना’ बना महंगा सपना, चांदी की बढ़ती कीमतों से आदिवासी मायूस, अब आया ये नया बदलाव

Silver Price Hike : राजस्थान में चांदी का भाव तेज गति से बढ़ रहा है। चांदी की बढ़ती कीमतों से बांसवाड़ा क्षेत्र के आदिवासी मायूस हो रहे हैं। अब क्या करेंगे?

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फोटो - AI

Silver Price Hike : राजस्थान के आदिवासी बहुल जिले बांसवाड़ा की पहचान सिर्फ इसके हरे-भरे परिदृश्य और लोक संस्कृति से ही नहीं है, बल्कि यहां के परिवारों में पहने जाने वाले भारी और शानदार चांदी के आभूषणों से भी है। वर्षों से चांदी यहां केवल एक धातु नहीं, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा, सांस्कृतिक विरासत और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक रही है।

लेकिन, हाल ही में चांदी के आसमान छूते भावों ने इस पुराने रिश्ते पर असर डालना शुरू कर दिया है। अब आदिवासी परिवार गहनों के वजन और आकार घटाने की मांग करने लगे हैं, वहीं व्यापारी भी उनकी खरीद क्षमता के मुताबिक गहनों को तैयार कर रहे हैं।

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एक साल में दोगुने से अधिक

बाजार में शुद्ध चांदी का भाव 2 लाख 5 हजार प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया। पिछले वर्ष इसी दिन के 92 हजार प्रति किलोग्राम के भाव के मुकाबले दोगुने से भी अधिक है। यह वृद्धि दर चौंका रही है, वहीं स्वर्ण आभूषण विक्रेताओं को कहना है कि यह भाव होली से पहले 2 लाख 10 हजार रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाएंगे।

कई पीढ़ियां पहनती हैं गहने

बांसवाड़ा में चांदी के गहने पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होते हैं। आदिवासी महिलाएं अपनी कमर से लेकर पैरों तक, हाथों और गले में कमरपट्टा (कंदोरा), पायजेब, हांसली और कड़े जैसे भारी-भरकम आभूषण गर्व से पहनती हैं। ये आभूषण उनकी पहचान का अभिन्न अंग हैं। लेकिन, कीमतों में भारी बढ़ोतरी ने इन परिवारों को मजबूरन अपनी वर्षों पुरानी परंपरा से समझौता करने के लिए विवश कर दिया है।

जहां पहले एक परिवार में 10 से 15 किलो चांदी के आभूषण होना आम बात थी, वहीं अब लोग ‘कम शुद्धता की चांदी’ या ‘कम वजन वाली चांदी’ के आभूषण खरीदना शुरू कर रहे हैं।

सोने में आई इतनी तेजी

चांदी के साथ-साथ सोने के भावों में भी भारी उछाल आया है। बाजार में सोने का भाव 1 लाख 32 हजार 500 प्रति 10 ग्राम रहा, जबकि पिछले साल आज के दिन 78 हजार 800 प्रति 10 ग्राम था। इस बढ़ती कीमत का सीधा असर आभूषणों पर पड़ा है। स्थानीय बाजार में ग्राहकों की संख्या कम हो रही है।

एक किलोग्राम के ही आभूषण

जिलेभर के सैकड़ों मजरों और ढाणियों में आदिवासी समाज की बैठकें हो चुकी हैं। इनमें सामाजिक स्तर पर तय किया है कि कोई भी एक किलोग्राम से चांदी से अधिक के आभूषण का लेन-देन नहीं करेगा। इसके पीछे संबंधित परिवार को आर्थिक बोझ से उबारना है। सोने की सीमा भी एक तोला यानि 10 ग्राम तय की है।

डेढ़ लाख से ज्यादा जेवर का भाव

जिले में सबसे अधिक लोकप्रिय 80 फीसदी शुद्धता वाली चांदी के आभूषणों का भाव मंगलवार को करीब 1 लाख 55 हजार प्रति किग्रा था, जबकि इससे कम शुद्धता वाली चांदी का भाव और कम था। जिले में 50 प्रतिशत तक शुद्धता के आभूषण मिलते हैं। गहनों की गढ़ाई, टै€क्स आदि अलग से लगती है।

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Updated on:
18 Dec 2025 09:26 am
Published on:
18 Dec 2025 09:22 am
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