Monsoon Heavy Rain: लगातार हुई बरसात से नदी नाले उफान पर बने रहे, इसके चलते पानी में बहने तथा डूबने से 13 जने काल का ग्रास बन गए। वहीं आकाशीय बिजली की चपेट में आने आधा दर्जन लोगों की जान चली गई।
September Weather Forecast: बारां शहर समेत जिलेभर में इस बार हुई बरसात ने एक दशक से भी अधिक समय के रिकॉर्ड तोड़ दिए। 15 जून के बाद से शुरु होने वाले मानसून ने इस बार जुलाई माह में ही जिले के सभी जलस्त्रोतों को लबालब कर दिया था। लेकिन इसके बाद अगस्त माह में हुई बरसात ने लोगो के हाल बेहाल ही नहीं किए बल्कि अतिवृष्टि से फसलों में भी व्यापक खराबा हुआ है। इस वर्ष बरसात गत वर्ष की तुलना में डेढ़ गुना अधिक हो गई। जिले में पिछले दस सालों के आंकड़ों को देखा जाए तो औसत करीब 37 से 40 इंच निकलता है। जबकि इस बार बारिश का कुल आंकड़ा 59 इंच के करीब पहुंच गया है।
जिले में वर्ष 2024 में जहां सम्पूर्ण वर्षाकाल में औसत 1129 एमएम बरसात हुई थी। इसका आंकड़ा 31 जुलाई को ही पार कर 1130 एमएम हो गया था। हालांकि जिले का गत 10 वर्षों की औसत बरसात का आंकड़ा 1001 एमएम रहा है। लेकिन इस बार यह आंकड़ा 1600 एमएम के उच्च स्तर पर जा पहुंचा।
इस वर्ष जिले में अब तक सर्वाधिक बरसात किशनगंज क्षेत्र में 1977 एमएम हो चुकी है। वहीं सबसे कम बरसात छीपाबड़ौद में 1379 एमएम हुई है। जिले में लगातार हुई बरसात से एक ओर जलस्त्रोत डेम, तालाब, नदी-नाले तो लबालब हो गए। लेकिन फसलों को काफी क्षति पहुंची है। वहीं जनहानि भी हुई है।
जिले में लगातार हुई बरसात से नदी नाले उफान पर बने रहे, इसके चलते पानी में बहने तथा डूबने से 13 जने काल का ग्रास बन गए। वहीं आकाशीय बिजली की चपेट में आने आधा दर्जन लोगों की जान चली गई। कई कच्चे व पक्के आवास व सरकारी भवनों को क्षति पहुंचने के साथ ही सडक़ों व पुलियाओं को व्यापक नुकसान पहुंचा है।
बारां ञ्च पत्रिका. कोई मजबूत मौसम प्रणाली के सक्रिय न होने से मौसम में शुष्की आ गई है। बारिश से वातावरण में बनी नमी अब धीरे-धीरे कम होकर 55 प्रतिशत पर आ गई है। शहर सहित जिले में गुरुवार को लगातार चौथे दिन भी पानी नहीं गिरा। हालांकि, काले बादलों की आसमान में मौजूदगी रही। बारिश नहीं होने से धूप खिली और तापमान के साथ उमस बढ़ गई। मौसम विभाग के अनुसार चार दिन तक कोटा संभाग के जिलों में कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
वातावरण में नमी के चलते बारां जिले के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। सितंबर अंत तक मानसून की विदाई हो सकती है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 2 डिग्री अधिक था। रात का न्यूनतम तापमान 24.9 डिग्री दर्ज हुआ। यह सामान्य था। हवा में नमी 55 फीसदी दर्ज की गई। इसके चलते वातावरण में उमस बढ़ गई। सीजन में अभी तक कुल वर्षा का आंकड़ा 1600 मिमी (करीब 60 इंच) है।
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में, मानसून ट्रफ माध्य समुद्र तल पर दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान और संलग्न राजस्थान और कच्छ पर बने गहरे अवदाब के केंद्र से, कोटा, उरई, सीधी, रांची, दीघा होकर पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व तक विस्तृत है।
इस मानसून सीजन के अभी कुछ दिन बाकी है। चार दिन से कोई सिस्टम एक्टिव नहीं है। पितृपक्ष की शुरुआत से ही बारिश का दौर थमा हुआ है। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मानसून सितंबर के आखिरी तक एक्टिव रह सकता है। इस दौरान करीब 5- 6 इंच तक बारिश की उम्मीद है।