Baran Wheat: बारां जिले का गेहूं अपनी उच्च गुणवत्ता और अनोखे स्वाद के लिए देशभर में प्रसिद्ध हो गया है। हाड़ौती क्षेत्र से ये गेहूं कई राज्यों में निर्यात किया जाता है।
Baran Wheat Export: हाड़ौती में बारां जिले के गेहूं का स्वाद देशभर के लोगों को भाने लगा है। यहां से गेहूं देश के अनेकों राज्यों में निर्यात किया जाता है। उच्च गुणवत्ता और स्वाद से दो दशक में जिले में गेहूं के कारोबार को काफी बढ़ावा मिला है।
देश में सर्वाधिक गेहूं का उत्पादन पंजाब में करीब 36 लाख हेक्टेयर में किया जाता है। यह कुल उत्पादन का 18 प्रतिशत है। लेकिन अधिकतर गेहूं भंडारण में ही काम लिया जाता है। इसके बावजूद पंजाब में राजस्थान के बारां जिले का गेहूं मंगवाकर उपयोग किया जाता है।
जिले में एक दशक पूर्व तक गेहूं की छंटनी मैन्युअल तरीके से होती थी। लेकिन धीरे-धीरे मांग बढ़ने के साथ ही सॉर्टेक्स प्लांटों की संख्या में इजाफा हुआ। वर्तमान में करीब एक दर्जन से अधिक प्लांटों से व्यापारी कारोबार कर रहे हैं। सॉर्टेक्स प्लांट संचालक व्यापारी मनीष जैन ने बताया कि वर्तमान में गेहूं की बेस्ट क्वालिटी के लिए आधुनिक प्लांटों से उत्पादन किया जाता है। इन प्लांटों में जर्मनी और बैंकॉक की मशीनों से गेहूं को साफ किया जाता है। इससे गेहूं की साइज और गुणवत्ता का चयन बेहतर तरीके से होता है।
कृषि उपज मंडी में करीब दो दशक पूर्व 1998-99 तक बिना देरी के नमूनों से गेहूं की बिक्री होती थी। 1998-99 से देरी प्रक्रिया के तहत मंडी में बिक्री शुरू हुई। उस समय किसान के माल पर जलनी लगाने की प्रथा थी, ताकि माल साफ हो सके। इसमें करीब दस प्रतिशत खराबी के बावजूद भी कंकर और डंठल रहते थे। इसको पारने के लिए महिलाओं को साफ करना पड़ता था। इसके बाद मैन्युअल कलोनिंग प्रचलन में आई, लेकिन वर्तमान में इन सबका स्थान आधुनिक प्लांटों ने ले लिया। मंडी में गत एक दशक पूर्व तक करीब चालीस प्लांट कार्यरत थे, लेकिन जिले में उत्पादन में गिरावट के चलते आधे ही प्लांट चालू हैं। आधा दर्जन प्लांट लहसुन की सफाई के लिए चल रहे हैं। इनका उत्पादन भी कई राज्यों को भेजा जाता है।
व्यापारी विमल बंसल ने बताया कि गेहूं की उच्च गुणवत्ता के चलते यहां से पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली समेत कई राज्यों में निर्यात किया जाता है। क्षेत्र की अनुकूल मिट्टी और जलवायु के चलते गेहूं में स्वाद और लोच बनी रहती है। यहां से करीब 20 लाख क्विंटल गेहूं की छंटनी कर भेजी जाती है। अधिक मांग होने पर मध्यप्रदेश के निकटवर्ती क्षेत्र से भी अच्छी गुणवत्ता का गेहूं मंगवाकर आपूर्ति की जाती है।