बाड़मेर में स्कूल वाहनों पर बड़ी कार्रवाई जारी है। दो दिनों में कुल 49 बसों को सीज किया गया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव कृष्णा गुप्ता के निरीक्षण में डेजी डेंस स्कूल की बसों में ओवरलोडिंग, मॉडिफिकेशन और सुरक्षा उपकरणों की कमी मिली।
Barmer News: बाड़मेर जिले में गुरुवार को द मॉर्डन स्कूल की 10 और टीटी पब्लिक की दो सहित कुल 13 बसों को सीज किया गया। इससे पहले 36 वाहन सीज किए गए थे। दो दिन की कार्रवाई में अब तक कुल 49 वाहन सीज किए गए हैं।
परिवहन विभाग के अधिकारी अक्षय विश्नोई ने बताया, नियम विरुद्ध चल रही बाल वाहिनियों के खिलाफ दूसरे दिन कार्रवाई जारी रही। दूसरे दिन मॉर्डन स्कूल, टीटी पब्लिक स्कूल और पुलिस लाइन के पास कार्रवाई की गई।
बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कृष्णा गुप्ता ने स्कूल वाहिनियों का आकस्मिक निरीक्षण किया था। इस दौरान हालात इतने खराब मिले कि वे मौके पर ही भड़क उठीं।
निरीक्षण के दौरान डेजी डेज इंटरनेशनल स्कूल की बसों, वैन और ऑटो में बच्चों को क्षमता से ज्यादा भरा हुआ पाया गया। कई बच्चों को बैठने तक की जगह नहीं थी। बैग वाहन की छत पर रखे हुए थे और ज्यादातर वाहनों में सुरक्षा के लिए जरूरी मूलभूत उपकरण तक नहीं लगे थे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव (जज) कृष्णा गुप्ता ने बुधवार दोपहर स्कूल वाहनों का अचानक निरीक्षण किया। दोपहर करीब एक बजे वे डेजी डेंस इंटरनेशनल स्कूल पहुंचीं, जहां स्थिति देखकर वे भड़क उठीं।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि स्कूल बस को मॉडिफाई कर उसकी क्षमता से कहीं अधिक बच्चों को ठूंसकर बैठाया गया था। करीब 22 बच्चे एक बस में चढ़ाए हुए थे। जज कृष्णा गुप्ता ने ड्राइवरों और स्कूल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई।
उन्होंने बताया कि स्कूल प्रशासन ने वाहन संख्या को लेकर गुमराह किया। कभी 4 तो कभी 6 वाहन होने की बात कही, जबकि मौके पर 8-10 गाड़ियां पाई गईं। जज ने कहा कि स्कूल प्रबंधन को बच्चों की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है, उन्हें केवल फीस से सरोकार है।
उन्होंने बच्चों को अत्यधिक भीड़ वाली बस में बैठे देखकर नाराजगी जताई और कहा कि हालत ऐसी है जैसे बच्चों को जानवरों से भी बदतर तरीके से ठूंस दिया गया हो। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसी भीड़ में कोई बच्चा बेहोश हो जाए या हादसा हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
गंभीर लापरवाही देखते हुए जज गुप्ता ने सभी गाड़ियों को सीज करने के निर्देश दिए। इसके बाद स्कूल की बसें, वैन, ऑटो सहित कई वाहनों को जब्त कर लिया गया। बसों में कैमरे और जीपीएस तक नहीं मिले। कई वाहनों के दस्तावेज भी अधूरे थे। आरटीओ इंस्पेक्टर रमेश चावड़ा ने बताया, वाहनों में मॉडिफिकेशन, ओवरलोडिंग और अधूरे कागजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
जज गुप्ता ने अभिभावकों से भी अपील की कि वे बच्चों की सुरक्षा को लेकर जागरुक रहें। उन्होंने कहा कि कई माता-पिता 100-200 रुपए बचाने के लिए यह नहीं देखते कि उनके बच्चे किस स्थिति में यात्रा कर रहे हैं। हादसे के बाद पछताने की बजाय पहले से सावधानी बरतना जरूरी है। उन्होंने साफ कहा कि स्कूल प्रशासन जवाब देने की स्थिति में नहीं है, इसलिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है।