Multani Mitti And Neem Benefits For Face: मुल्तानी मिट्टी और नीम का फेस पैक पिंपल्स, दाग-धब्बे और ऑयली स्किन की समस्या को दूर करने में बेहद असरदार है। यह त्वचा को डीटॉक्स कर ग्लोइंग और साफ रख सकता है।
Multani Mitti And Neem Benefits For Face: खूबसूरत, साफ और ग्लोइंग स्किन पाना हर किसी की चाहत होती है, लेकिन बढ़ता प्रदूषण, गलत खानपान, हार्मोनल बदलाव और स्किन केयर की अनदेखी से चेहरे पर पिंपल्स, दाग-धब्बे, ब्लैकहेड्स और एक्स्ट्रा ऑयल की समस्या आम हो गई है। ऐसे में केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स के बजाय अगर आप घरेलू और नेचुरल उपाय अपनाते हैं, तो आपकी स्किन को बिना किसी साइड इफेक्ट के फायदा मिल सकता है। मुल्तानी मिट्टी और नीम दो ऐसे ही नेचुरल इंग्रीडिएंट्स हैं, जो मिलकर आपकी त्वचा की गहराई से सफाई करते हैं और कई स्किन प्रॉब्लम्स को जड़ से खत्म करने में मददगार हैं। आइए जानते हैं चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी और नीम लगाने के फायदे और इस्तेमाल का तरीका।
नीम में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो पिंपल्स पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करता है। वहीं, मुल्तानी मिट्टी चेहरे से अतिरिक्त तेल निकालती है, जिससे मुंहासों की समस्या कम होती है।
मुल्तानी मिट्टी रोमछिद्रों की गहराई से सफाई करती है। इसके साथ नीम मिलाने से स्किन पर जमी धूल, गंदगी और टॉक्सिन्स आसानी से निकल जाते हैं।
अगर आपकी त्वचा बहुत ज्यादा तैलीय रहती है तो मुल्तानी मिट्टी और नीम का पैक काफी असरदार होता है। यह चेहरे से एक्स्ट्रा ऑयल हटाकर फ्रेश लुक देता है।
नीम और मुल्तानी मिट्टी का पैक चेहरे के दाग-धब्बों को हल्का करता है। साथ ही सन टैनिंग भी धीरे-धीरे कम होने लगती है।
इस पैक को नियमित लगाने से स्किन में नेचुरल चमक आती है। त्वचा निखरी हुई और हेल्दी नजर आती है।
सामग्री
2 बड़े चम्मच मुल्तानी मिट्टी
1 बड़ा चम्मच नीम पाउडर (या नीम की पत्तियों का पेस्ट)
जरूरत अनुसार गुलाब जल या पानी
एक बाउल में मुल्तानी मिट्टी और नीम पाउडर मिलाएं।
इसमें धीरे-धीरे गुलाब जल डालकर स्मूद पेस्ट तैयार करें।
इस पैक को पूरे चेहरे पर समान रूप से लगाएं।
15-20 मिनट सूखने दें, फिर पानी से चेहरा धो लें।
इस पैक का हफ्ते में 2 बार इस्तेमाल करना सबसे सही रहता है। इससे स्किन हेल्दी बनी रहती है और पिंपल्स और ऑयल कंट्रोल में रहता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।