Things Avoid To Mix In Mehndi: मेहंदी बालों के लिए एक प्राकृतिक कंडीशनर और रंग देने वाला तत्व मानी जाती है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें मेहंदी में मिलाने से बालों को नुकसान हो सकता है। जानिए किन चीजों को मेहंदी में मिलाने से बचना चाहिए।
Things Avoid To Mix In Mehndi: मेहंदी बालों के लिए एक नेचुरल और असरदार सामग्री मानी जाती है, जिससे बालों को रंग और चमक मिलती है। लेकिन कभी-कभी इसमें कुछ ऐसी चीजें मिला दी जाती हैं, जो मेहंदी के असर को नुकसानदायक बना सकती हैं। कुछ लोग जल्दी रंग लाने या बालों को और चमकदार बनाने के लिए इसमें कई तरह की सामग्री मिला देते हैं, जिससे बालों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
इससे बाल रूखे, बेजान और कमजोर हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि मेहंदी में कुछ भी मिलाने से पहले उसकी सही जानकारी हो। यहां जानिए किन चीजों को मेहंदी में मिलाने से बचना चाहिए, ताकि आपके बाल बने रहें मजबूत और स्वस्थ।
कुछ लोग मेहंदी का रंग गहरा करने के लिए उसमें केमिकल डाई मिला देते हैं। लेकिन इससे बालों की प्राकृतिक नमी खत्म हो सकती है और स्कैल्प पर एलर्जी या जलन हो सकती है। इसका असर बालों को कमजोर बनाकर झड़ने का कारण बन सकता है।
सिरका एक अम्लीय (Acidic) पदार्थ है, जो मेहंदी के प्राकृतिक गुणों को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे स्कैल्प ड्राई हो सकता है और बालों की चमक कम हो सकती है।
कपूर में तीव्र गुण होते हैं, जो स्कैल्प पर जलन और खुजली पैदा कर सकते हैं। अगर इसे मेहंदी में मिलाया जाए, तो यह बालों को नुकसान पहुंचा सकता है।
ये दोनों बालों की सफाई के लिए तो अच्छे माने जाते हैं, लेकिन मेहंदी के साथ मिलाने से यह बालों को ज़रूरत से ज़्यादा रूखा और बेजान बना सकते हैं। साथ ही, यह मेहंदी के असर को भी कम कर देते हैं।
नींबू एसिडिक होता है, जो स्कैल्प को ड्राई और संवेदनशील बना सकता है। इसका ज़्यादा उपयोग बालों की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे बाल टूटने और झड़ने लगते हैं।
अगर आप मेहंदी को बालों में लगाना चाहते हैं, तो उसमें दही, अंडा, चायपत्ती का पानी या एलोवेरा जेल जैसे प्राकृतिक (नेचुरल) इंग्रेडिएंट्स मिलाएं। ये बालों को पोषण देंगे, रंग निखारेंगे और बालों को मुलायम व चमकदार बनाएंगे। इनसे कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और बालों को नुकसान भी नहीं पहुंचता।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।