21 December 2025- मध्यप्रदेश में औसतन 13 घंटे 16 मिनट तक रहेगा अंधेरा, उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन
21 December 2025 - खगोलीय दृष्टि से 21 दिसंबर यानि रविवार के दिन की काफी अहमियत है। यह साल का सबसे छोटा दिन होगा जबकि रात सबसे लंबी होगी। धरती के अपनी धुरी पर झुकाव के कारण यह स्थिति बनेगी। खगोल विज्ञान में इसे विंटर सोल्स्टिस (शीतकालीन संक्रांति या शीतकालीन अयनांत) कहा जाता है। देशभर में इसका प्रभाव दिखाई देगा। उत्तरी गोलार्द्ध में सूर्य की किरणें तिरछी पड़ने के कारण दिन और रात की अवधि में यह बदलाव होता है। रविवार को मध्यप्रदेश में दिन औसतन 10 घंटे 44 मिनट का रहेगा। शेष अवधि में रात रहेगी। रविवार के बाद दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे।
दिन और रात के छोटे-बड़े होने का कारण पृथ्वी का अपने अक्ष पर झुकाव है। खगोल विज्ञानियों के अनुसार धरती अपने कक्षीय तल पर 23.5 ° के कोण पर झुकी है। आकार भू-आभ (Geoid) होने के कारण इसके आधे भाग पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है वहां दिन रहता है, जबकि शेष आधे भाग पर उस समय अंधेरा होने से रात रहती है।
खगोल विज्ञानी डॉ. वीके परसाई के अनुसार रविवार को सूर्य, उत्तरी गोलार्द्ध से अपनी अधिकतम दूरी पर होगा। इससे यहां सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं जिससे दिन छोटा हो जाता है जबकि रात की अवधि बढ जाती है। मध्यप्रदेश के ज्यादातर इलाकों में दिन औसतन 10 घंटे 44 मिनट का और रात औसतन 13 घंटे 16 मिनट की होगी।
राजधानी भोपाल में 21 दिसंबर को सुबह 06:57 बजे सूर्योदय होगा। इस दिन सूर्यास्त शाम 5:39 बजे ही हो जाएगा। इस प्रकार भोपाल में रविवार को करीब 10 घंटे 42 मिनट का दिन रहेगा। राजधानी के आसपास के अधिकांश जिलों में यही स्थिति रहेगी। पूरे प्रदेश में औसतन 10 घंटे 44 मिनट का दिन रहेगा।
भारतीय समयानुसार रविवार रात 8 बजकर 33 मिनट पर सूर्य की किरणें मकर रेखा पर लंबवत होंगी। इसी के साथ सूर्य के उत्तरायण होने की स्थिति प्रारंभ हो जाएगी।
क्या होता है: उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होती है।
क्यों होता है: धरती का अपनी धुरी पर झुकाव जिससे सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं।
एमपी(MP) में असर: राजधानी भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में दिन की अवधि करीब 10 घंटे 42 मिनट होगी।