PM Dhan Dhanya Yojana- पीएम धन धान्य योजना के लिए 8 जिले चुने, नोडल अधिकारी की नियुक्ति
PM Dhan Dhanya Yojana - एमपी के 8 जिलोें के किसानों को बड़ी सौगात मिली है। इन्हें केंद्र की 24000 करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने इन जिलों को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना में शामिल किया है। सभी जिलों के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा यानि आईएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त भी कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जिला नोडल अधिकारियों की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया है। जिला नोडल अधिकारी के रूप में इन आईएएस अधिकारियों को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के क्रियान्वयन की अहम जिम्मेदारी दी गई है। सभी नोडल अधिकारियों को अपने जिलों की कार्य योजना बनाना होगा और इसकी नियमित रूप से निगरानी भी करनी होगी।
कम उत्पादकता वाले जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाना, सिंचाई सुविधा में सुधार करना, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और किसानों को आसान ऋण और भंडारण सुविधा देने के उद्देश्य से पीएम धन धान्य योजना प्रारंभ की गई है। इसे देश के 100 जिलों में लागू किया जा रहा है जिसमें एमपी के 8 जिलों को चुना गया है।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के अंतर्गत प्रदेश के अलीराजपुर, अनूपपुर, डिंडोरी, निवाड़ी, शहडोल, सीधी, टीकमगढ़ और उमरिया को शामिल किया गया है। एमपी के इन चयनित 8 जिलों के लिए सरकार ने 8 आईएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश अनुसार मत्स्य महासंघ की प्रबंध संचालक निधि निवेदिता को अलीराजपुर, किसान कल्याण तथा कृषि विकास संचालक अजय गुप्ता को उमरिया, वि.क.अ., सह आयुक्त सह पंजीयक, सहकारी समिति मनोज पुष्प को डिंडौरी, नर्मदा घाटी विकास विभाग के उपसचिव राहुल धोटे को अनूपपुर, प्रबंध संचालक, कृषि विपणन बोर्ड सह आयुक्त मंडी कुमार पुरूषोत्तम को शहडोल, उप सचिव, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग संतोष कुमार वर्मा को सीधी, नीति आयोग सदस्य सचिव ऋषि गर्ग को निवाड़ी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, रोजगार गांरटी परिषद अवि प्रसाद को टीकमगढ़ का जिला नोडल अधिकारी बनाया गया है।
केंद्र सरकार ने 16 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना स्वीकृत की थी। इस योजना का लक्ष्य देश के 100 कम प्रदर्शन वाले कृषि जिलों को खेती किसानी में उन्नत बनाना है। 6 वर्षों की अवधि में यह काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना में केंद्र सरकार हर साल 24000 करोड़ रुपए खर्च करेगी।