भोपाल

जहरीली हवा में सांस ले रही राजधानी, AQI 300 के पार

Bhopal AQI : बीते 12 घंटों में राजधानी की हवा में अचानक से बदलाव आया। पिछले 15 दिन से गुड डे श्रेणी में चल रहे शहर का AQI अचानक से 307 पर जा पहुंचा।

2 min read
Jan 18, 2025
Bhopal AQI

Bhopal AQI : बीते 12 घंटों में राजधानी की हवा में अचानक से बदलाव आया। पिछले 15 दिन से गुड डे श्रेणी में चल रहे शहर का AQI अचानक से 307 पर जा पहुंचा। ये स्थिति शाहपुरा में बनी। हवा की खराब गुणवत्ता के मामले में भोपाल प्रदेश का दूसरा शहर बन गया। पहले स्थान पर पीथमपुर रहा। यहां एक्यूआइ 317 दर्ज हुआ। पीथमपुर की हवा में बदलाव को कुछ लोगों ने यूका कचरे से जोड़ रहे हैं। वहीं एक्सपर्ट इसे मौसम में आए बदलाव का कारण बता रहे हैं।

अचानक बदला मौसम बना पर्यावरण का विलेन

रिपोर्ट के मुताबिक हवा खराब होने का मुख्य कारण धूल और धुआं रहा। शहर(Bhopal AQI) के दो हिस्सों में पीएम 2.5 के कारण हवा की गुणवत्ता बदली, जबकि एक जगह पीएम 10 इसके लिए जिम्मेदार रहा। ये हवा में छोटे पार्टिकल होते हैं। बताया गया गुरुवार रात मौसम में अचानक बदलाव आया। ठंडी हवाओं का शहर में जोर रहा है। जिसके साथ ही शहर की हवा(Bhopal AQI) की क्वालिटी भी लगातार बिगड़ती गई।

शाहपुरा क्षेत्र रेड जोन में

BHOPAL AQI

अरेरा कॉलोनी शाहपुरा क्षेत्र शुक्रवार को रेड जोन में रहा। गुरुवार के मुकाबले इसमें 153 की बढ़ोतरी हुई है। शहर के बाकी दो हिस्सों की हवा भी खराब हुई है। इसके पीछे तापमान में आए बदलाव को मुख्य कारण बताया गया। प्रदेश की बात करें तो इंदौर के पांच हिस्से ग्रीन जोन में रहे। एक्यूआइ 100 से कम रहा। शुक्रवार को राजधानी के टीटी नगर में एक्यूआइ 254 दर्ज हुआ। कलेक्ट्रेट में आंकड़ा 155 पर रहा जबकि पर्यावरण परिसर यानी शाहपुरा में स्तर 307 पर जा पहुंचा। राजधानी(Bhopal AQI) सहित पूरे प्रदेश में सबसे खराब स्थिति रही।

मास्क पहनें, सुरक्षित रहें

Bhopal AQI level

अस्थमा रोगी, श्वांस रोगी, ह्रदय रोगी व गंभीर रोगों से ग्रसित रोगियों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को विशेष रूप से मास्क पहनकर ही बाहर निकलना चाहिए। एक्यूआइ(Bhopal AQI) 300 के पार पहुंचने पर हवा गुणवत्ता खराब मानी जाती है। इस दौरान शुरुआती रूप से एलर्जी के अलावा आंख, नाक और गले की समस्याएं देखी सकती हैं। प्रदूषण बढ़ने पर कार्बन मोनोऑक्साइड, ग्राउंड लेवल ओजोन, वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड, मेटल्स, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन और पर्टिकुलेट मेट्टर्स की मात्रा भी बढ़ती है।

Published on:
18 Jan 2025 09:47 am
Also Read
View All

अगली खबर