भोपालइंट्रो…सड़क, चौराहों, मंदिरों से लेकर बाजारों में भिखारियों से बचने की मशक्कत से मुक्ति मिलेगी। यहां बेफिक्र- निश्चिंत होकर अपना काम कर सकेंगे। जिला प्रशासन ने नजूल स्तर पर टीम बनाकर भिखारियों को चिन्हित कर शहर में भिक्षावृत्ति पर रोकथाम लगाने की कवायद शुरू की है। अगले एक सप्ताह में भिक्षारियों का सर्वे कर, भिक्षावृत्ति […]
भोपाल
इंट्रो…
सड़क, चौराहों, मंदिरों से लेकर बाजारों में भिखारियों से बचने की मशक्कत से मुक्ति मिलेगी। यहां बेफिक्र- निश्चिंत होकर अपना काम कर सकेंगे। जिला प्रशासन ने नजूल स्तर पर टीम बनाकर भिखारियों को चिन्हित कर शहर में भिक्षावृत्ति पर रोकथाम लगाने की कवायद शुरू की है। अगले एक सप्ताह में भिक्षारियों का सर्वे कर, भिक्षावृत्ति की वजह पता करने के बाद या तो विस्थापन करने या फिर गैंग बनाकर भीख मांगने वाले समूह पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
भिखारियों के घरों पर पहुंची प्रशासन की टीम, जांच की
ये लाभ होगा
भिखावृत्ति से ये दिक्कत
एक्सपर्ट कोट्स
भिक्षावृत्ति से शहर को पूरी तरह से मुक्त किया जाना चाहिए। प्रशासनिक स्तर पर इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं अच्छी बात है। आमजन को भी प्रशासन को भिखारियों की जानकारी देना चाहिए। विस्थापन में कोई मदद हो सके तो करना चाहिए। प्रशासन पहले ही पांच हजार बाल भिखारियों की सूची बना चुका है। अब सभी भिखारी इसमें शामिल होंगे।
हमने भिखारियों का सर्वे समेत उन्हें सरकारी योजनाओं से विस्थापित करने की कवायद शुरू की है। शहर को भिखारी मुक्त बनाएंगे ताकि लोगों को इनकी वजह से दिक्कत न हो, ये लोग भी बेहतर जिंदगी की तरफ जाएं।