Rahul Gandhi Guarantee : संगठन सृजन अभियान के तहत शहरी और ग्रामीण मिलाकर बने मध्य प्रदेश के कुल 71 जिलाध्यक्षों के प्रशिक्षण देने पहुंचे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नव नियुक्त जिला अध्यक्षों को बड़ी गारंटी दी है।
Rahul Gandhi Guarantee : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित कांग्रेस जिलाध्यक्षों को किसी का रिमोट न बनने को कहा, साथ ही गुटबाजी और अपनी-अपनी चलाने वाले बड़े नेताओं को समन्वय की नसीहत भी दी है। संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत शहर और ग्रामीण मिलाकर बने मध्य प्रदेश के कुल 71 जिलाध्यक्षों के प्रशिक्षण के दौरान रविवार को राहुल ने कहा कि पार्टी अगले 6 महीने तक जिलाध्यक्षों के कामों का मूल्यांकन किया जाएगा, तब तक किसी को भी नहीं बदला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि, जिलाध्यक्षों के चयन के बाद राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में विरोध जारी है। इसी बीच राहुल गांधी का ये बयान खासा महत्वपूर्ण है। उन्होंने पार्टी नेताओं और जिलाध्यक्षों से कहा कि, गुटबाजी नहीं समन्वय से काम करें। जिलाध्यक्ष सत्ता परिवर्तन नहीं, व्यवस्था परिवर्तन में जुटें। वे देखें कि, लोगों को उनके संवैधानिक अधिकार मिल रहे हैं या नहीं। सत्ताधारी दल किसी वर्ग का हक तो नहीं मार रहा। उन्होंने जिला अद्यक्षों को किसी का रिमोट न बनने की नसीहत दी। राहुल ने कहा कि, आपको संगठन ने बैठाया है, किसी नेता ने नहीं। दिल्ली में हुए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को राहुल गांधी ने करीब 1 घंटे संबोधित किया। प्रशिक्षण 10 घंटे चला।
राहुल गांधी ने आगे ये भी कहा कि, पहले दो-तीन बड़े नेता विधानसभा और लोकसभा के टिकट बांट देते थे। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। टिकट में जिलाध्यक्षों की अनुशंसा महत्वपूर्ण होगी। उनके पास किसी की अनुशंसा के पीछे तर्क और तथ्य रहेंगे। जिलाध्यक्ष कांग्रेस की नींव बनेंगे। उनके नीचे जो संगठन बूथ स्तर तक बनेगा में उसमें युवा, महिला और सभी वर्गों को जगह दी जाएगी। हमें विचारधारा के आधार पर सत्ता में आना है।
इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, जिला अध्यक्ष के साथ साथ उनके नीचे की टीम अनुशासित रहना बेहद जरूरी है। कई बार बड़े नेताओं को कठोर और नीतिगत निर्णय लेने पड़ते हैं, जो हमे अच्छे नहीं लगते लेकिन पार्टी के लिए फैसले जरूरी होते हैं। सबसे जरूरी ये कि, हमें गुटबाजी से दूर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि, जिलाध्यक्षों का चयन संगठन सृजन के अंतर्गत पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर हुआ है।