Cough Syrup Case: कफ सिरप से अब तक मध्य प्रदेश में 21 बच्चों की मौत हो गई है, वहीं अब बड़ा खुलासा हो रहा है कि जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ पर 2 साल पहले ही रोक लगा दी गई थी...
Cough Syrup Case: कफ सिरप से मारे गए मासूम बच्चों के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। यह कफ सिरप जिस फॉर्मूले से बनाई गई थी, उसे सरकार दो साल पहले ही 4 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रतिबंधित कर चुकी थी। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने 18 दिसंबर 2023 को राज्यों को आदेश में कहा था कि क्लोरफेनिरामाइन मेलिएट आईपी 2 मिलीग्राम और फेनाइलफ्राइन एचसीएल आईपी 5 मिलीग्राम कॉम्बिनेशन को चार साल तक के बच्चों को नहीं दिया जाए। यह आदेश फाइल 04-01/2022- डीसी के तहत जारी किया गया। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ. राजीव ङ्क्षसह रघुवंशी की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि इस कॉम्बिनेशन वाले सिरप के लेबल और प्रचार सामग्री पर चेतावनी भी छापी जाए। इसके बाद भी पालन नहीं हुआ।
बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने कांचीपुरम स्थित एक फार्मास्युटिकल फैक्ट्री को सील कर दिया है। कार्रवाई कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण हुई। तमिलनाडु के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने 4 अक्टूबर को सिरप के नमूनों को मिलावटी घोषित किया था।
तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर और वहां की सरकार ने श्रीसन को बंद कराने के बाद पल्ला झाड़ लिया है। मप्रस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वहां के ड्रग कंट्रोलर बताने को तैयार नहीं कि कोल्ड्रिफ में अवैध रूप से उपयोग किया जाने वाला जहरीला सॉल्वेंट बनाने वाली कंपनी ने कितनी मात्रा में निर्माण किया। श्रीसन को कब से बेच रही थी। किन राज्यों को सप्लाई किया।
तमिलनाडु की कंपनियों (Coldrif) व अफसरों की अनदेखी के कारण जहरीले कारोबार को मप्र समेत कई राज्यों में जगह मिली। मप्र सरकार की ओर से बुधवार को विस्तृत जानकारी केंद्र को दी गई।
केंद्र ने दवा कंपनियों के लिए डब्ल्यूएचओ प्रमाणपत्र अनिवार्य किया था। 5308 में 1470 कंपनियों ने आवेदन तक नहीं किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 'Coldrif' के निर्यात के संबंध में भारतीय अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। स्वास्थ्य एजेंसी ने भारतीय अधिकारियों से पूछा है कि यह सिरप विदेश भेजा गया है या नहीं। ताकि जरूरत पड़ने पर अलर्ट जारी किया जा सके।