भोपाल

एमपी में अब तक 21 मासूमों की मौत, सरकार में हड़कंप, सुप्रीम कोर्ट से जांच की मांग

Cough Syrup death: मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप कोल्डड्रिफ से चार और आंगन बेनूर हो गए, अब तक 21 मासूमों को खो चुके एमपी में अब भी कई मासूमों की हालत गंभीर, दहशत में परिवार खतरा अब भी बरकरार...

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Oct 08, 2025
Cough Syrup Death cases increased 4 more children died in MP(फोटो: पत्रिका)

Cough Syrup Death: जहरीले कफ सिरप और दवाइयों ने मध्यप्रदेश के चार और मासूमों की जान ले ली। इन सभी की जान 24 घंटे के भीतर गई। इनमें छिंदवाड़ा जिले की दो साल की जायूशा यदुवंशी, डेढ़ साल की धानी डेहरिया, ढाई साल का वेदांत पंवार और वेदांश काकोडिय़ा शामिल हैं। दावा है कि इनमें से तीन बच्चों का इलाज परासिया के आरोपी डॉ. प्रवीण सोनी ने किया था।

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एमपी में अब तक 21 बच्चों की मौत

जहरीली कोल्ड्रिफ सिरप लिखी गई थी। तबीयत बिगड़ने के बाद ये बच्चे नागपुर के अस्पतालों में भर्ती थे। काकोड़िया के मामले की जांच की जा रही है। इस तरह मध्यप्रदेश अब तक 21 मासूमों को खो चुका है। इनमें 19 छिंदवाड़ा के हैं और दो बैतूल के हैं। इसमें से काकोड़िया की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है।

बैतूल जिले के अधिकारी कफ सिरप को नहीं मान रहे मौतों का कारण

बैतूल जिले के अधिकारी बच्चों की मौत जहरीली कफ सिरप से होना नहीं मान रहे, जबकि दोनों का इलाज परासिया के डॉ. सोनी ने ही किया था। इनके पास दवा के पर्चे भी मिल चुके हैं। अभी जहरीली सिरप व दवाओं का खतरा टला नहीं है। नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती पांच बच्चों की हालत नाजुक है। कुछ तो कोमा जैसी स्थिति में हैं। कुछ को लगातार डायलिसिस की जरूरत पड़ रही है। इस बीच बच्चों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।

कई दिन से वेंटिलेटर पर थी धानी डहरिया

तामिया के वार्ड 15 की डेढ़ वर्षीय धानी पुत्री नवीन डेहरिया कई दिन से वेंटिलेटर पर थी। सोमवार रात 11 बजे दम तोड़ दिया। किडनी फेल होने के बाद ब्रेन में गंभीर संक्रमण से जूझ रही थी।

10 लाख खर्च के बाद भी नहीं बचा वेदांत

परासिया के रिधोरा के वेदांत की जान मंगलवार दोपहर गई। उसे सितंबर के पहले सप्ताह में डॉ. सोनी ने देखा था। 11 सितं. को रेफर किया था। उसे बचाने परिजन ने 10 लाख खर्च किए।

दो साल की जायूशा ने भी तोड़ा दम

जुन्नारदेव की दो वर्षीय जायूशा ने भी मंगलवार को एम्स नागपुर में दम तोड़ दिया। पिता राजेश ने बताया कि डॉ. सोनी ने कोल्ड्रिफ सिरप दी थी। इलाज में करीब 5 लाख रुपये खर्च किए।

3 साल के वेदांश की भी मौत

लहगडुआ के 3 साल के वेदांश की तबीयत रविवार शाम बिगड़ी। टेस्ट में किडनीलिवर को नुकसान का पता चला। नागपुर में मंगलवार सुबह मौत हो गई। कौन सा सिरप दिया गया था, इसकी जांच की जा रही है।

दवाओं की जांच हो, दो सप्ताह में जवाब मांगा

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मध्य प्रदेश, राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिवों को कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत को लेकर नोटिस जारी किया है। दवाओं की व्यापक जांच की जरूरत बताई। आयोग ने स्वत: संज्ञान भी लिया।

दोनों किडनी फेल, बच्चा वेंटिलेटर पर

बैतूल. आमला ब्लॉक में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप से दो बच्चों की मौत के बाद अब टीकाबर्री गांव के साढ़े तीन साल के हर्ष यदुवंशी की हालत गंभीर है। किडनी फेल हो चुकी हैं। नागपुर के निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर है। परिजन के अनुसार एक माह पहले डॉ. सोनी से इलाज कराया था। सर्दी-खांसी के लिए दी गई दवा के बाद तबीयत बिगड़ती गई। हालत गंभीर होने पर नागपुर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने किडनी फेल होने की पुष्टि की।

दिल्ली से जाएगी टीम

दिल्ली से जाएगी टीम स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कफ सिरप की प्रयोगशाला जांच में डायथिलीन ग्लाइकॉल का खतरनाक रूप से उच्च स्तर पाया गया है, जो अत्यधिक जहरीला होता है। जांच के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), दिल्ली से एक विशेष टीम जल्द नागपुर जा सकती है।

नए ड्रग कंट्रोलर ने शुरू करवाई दवा की जांच

औषधि प्रशासन कार्यालय ने प्रदेश में कफ सिरप की जांच शुरू कराई है। नवनियुत नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन दिनेश श्रीवास्तव ने बताया, मंगलवार को पदभार संभालने के बाद प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप और प्रतिबंधित कॉिबनेशन वाली दवाओं की जांच शुरू करा दी है। बिकते हुए पाए जाने पर तत्काल जत किए जाएंगे। विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अब हाल जानने पहुंचे डिप्टी सीएम

Deputy CM on visit

भोपाल. तमाम आरोप-प्रत्यारोपों के बाद उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल आखिरकार मंगलवार रात नागपुर पहुंचे। भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। स्वास्थ्य लाभ के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए। शुक्ल ने परिजन से मुलाकात कर ढांढस बंधाया। कहा, बेहतर इलाज के लिए हर संभव सहायता दी जाएगी। साथ में क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर डॉ. संजय मिश्रा भी थे।

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के मामले की अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच और देश के दवा सुरक्षा ढांचे में व्यापक बदलाव की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता विशाल तिवारी ने जनहित याचिका लगाई है। सेवानिवृत्ता न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग या विशेषज्ञ समिति गठित करने और उनमें औषध विज्ञान, विष विज्ञान और औषधि विनियमन के विशेषज्ञ शामिल किए जाने का अनुरोध किया। याचिका में विभिन्न राज्यों में विषाक्त कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतों से संबंधित सभी मुकदमों और चल रही जांचों को सीबीआइ को हस्तांतरित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

उम्मीद जागी बच गया प्रतीक

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नागपुर से खुश खबर भी आई है। छिंदवाड़ा जिले के रिधोरा का डेढ़ वर्षीय प्रतीक पवार 1 माह 8 दिन इलाज के बाद स्वस्थ हुआ। उसे 20 अगस्त को बुखार और सर्दी-जुकाम हुआ। 21 को पिता संजय ने डॉ. सोनी को दिखाया। 28 की रात गंभीर हालत में परिजन नागपुर ले गए। 5 दिन में 4 लाख बिल बना। परिजन ने लता मंगेशकर अस्पताल शिफ्ट किया। करीब 2 लाख खर्च करने के बाद प्रतीक की हालत सुधरी।

दवा बदली तो बच गया सुशांत भी

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परासिया के ग्राम भाजीपानी में सर्वे टीम कैलाश विश्वकर्मा के घर पहुंची। बच्चे की मां उर्मिला ने बताया, 10 माह के सुशांत को 22 सितंबर को डॉ. सोनी को दिखाया था। उसे कोल्ड्रिफ भी दी गई। तीन खुराक के बाद बच्चे की तबीयत और बिगड़ गई। दुबारा गए तो सोनी ने भगा दिया। डॉ. ठाकुर ने दूसरी दवा दीं। इसके बाद बच्चा ठीक हो गया।

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Updated on:
08 Oct 2025 09:58 am
Published on:
08 Oct 2025 09:08 am
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