Chhindwara- एमपी में कफ सिरप कोल्ड्रिफ के कारण अब तक 16 बच्चों की मौत हो चुकी है। मौत का यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।
Chhindwara- एमपी में कफ सिरप कोल्ड्रिफ के कारण अब तक 16 बच्चों की मौत हो चुकी है। मौत का यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। छिंदवाड़ा जिले के परासिया में ही 14 बच्च दम तोड़ चुके हैं जबकि बैतूल में 2 बच्चों की मौत हुई है। मामले में डॉ. प्रवीण सोनी और श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी पर केस दर्ज किया गया है। आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर निलंबित भी किया जा चुका है। कफ सिरप कोल्ड्रिफ की जांच में 46.2% डायएथिलिन ग्लायकॉल (DEG) की पुष्टि हुई जोकि जहरीली साबित हुई। इस केस में अब छिंदवाड़ा के परासिया के अपना मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। औषधि नियमों के उल्लंघन पर ये कार्रवाई की गई है।
बैतूल में जिन 2 बच्चों की मौत हुई उनका भी डॉ. प्रवीण सोनी से ही इलाज कराया गया था। परिजनों ने बताया कि , कोल्ड्रिफ पिलाने के बाद सर्दी जुकाम तो सुधर गया लेकिन बच्चों की हालत बिगड़ गई। एक बच्चे के परिजन तुरंत नागपुर ले गए लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
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छिंदवाड़ा के परासिया स्थित अपना मेडिकल स्टोर्स का ड्रग लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय छिंदवाड़ा ने लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किया है। मेडिकल स्टोर्स पर कई प्रकार की अनियमितताएं पाए जाने पर ये कार्रवाई की गई है।
औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी शरद कुमार जैन ने बताया कि अपना मेडिकल स्टोर्स परासिया का निरीक्षण किया गया जिसमें औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली 1945 के तहत गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। निरीक्षण के दौरान बिक्री रिकॉर्ड अपूर्ण पाए गए। यहां पंजीकृत फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में दवाएं बेची जा रही थीं। संचालक ने विक्रय बिल भी नहीं दिखाए।
औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा औषधि नियमों के इन उल्लंघनों के संबंध में संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। संचालक ने नियत अवधि में स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया। इसे दृष्टिगत रखते हुए अपना मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया।
अनुज्ञापन अधिकारी शरद कुमार जैन ने बताया कि ड्रग लाइसेंस निरस्त करने के आदेश के बाद मेडिकल स्टोर्स द्वारा दवाओं का क्रय-विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। आदेश के उल्लंघन पर तीन से पांच साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है।