MP News: लो फ्लोर बसों की जगह दिसंबर तक शहर में ई-मिडी बसें चलने लगेंगी। ई-मिडी यानी छोटे दूरी के मार्गों के लिए डिजाइन ई-बस में 30 से 35 यात्री बैठ सकते हैं।
MP News: लो फ्लोर बसों की जगह दिसंबर तक शहर में ई-मिडी बसें चलने लगेंगी। ई-मिडी यानी छोटे दूरी के मार्गों के लिए डिजाइन ई-बस में 30 से 35 यात्री बैठ सकते हैं। इन बसों के लिए भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड ने केंद्र एवं राज्य पोषित प्रोजेक्ट के लिए ग्रीन सेल कंपनी का चयन किया है। ग्रीन सेल कंपनी चेतक ब्रिज कस्तूरबा नगर के पास भेल की खाली जमीन पर सेटअप लगा रही है। यहां इन बसों को चार्ज करने एवं मेंटनेंस होगा। दावा है कि पहले फेज में 26 और 21 सीटर वाहन शामिल सड़कों पर उतारे जाएंगे।
बीसीएलएल के मुताबिक कंपनी को भारत सरकार 12 साल के लिए आपरेशनल एंड मेंटेनेंस कास्ट भी देगी। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर के लिए आवंटित की गई बसों में से 472 बसें मिडी ई-बस (26 सीटर) और 110 मिनी ई-बस (21 सीटर) रहेंगी।
ई- भारत सरकार की तरफ से प्रति बस संचालन के लिए प्रति किमी 22 रुपये का भुगतान किया जाएगा। आपरेटर कंपनी को प्रत्येक बस 58.14 रुपये प्रति किमी की दर से भुगतान किया जाएगा। प्रत्येक बस प्रति दिन न्यूनतम 180 किमी चलेगी।
डिपो के पास ई- बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे। इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में दो-दो चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। उज्जैन, जबलपुर, सागर में एक-एक चार्जिंग स्टेशन होगा। इसके लिए 41 किमी लंबी हाई टेंशन लाइन बिछाई जाएगी। इस पर 60 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इसके लिए अलग से विद्युत सब स्टेशन बनाए जाएंगे।
ई-बसों की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में आ गई है। दिसंबर तक इनके भोपाल आने की पूरी उम्मीद है। ग्रीन सेल कंपनी को काम दिया गया है।- अंजु अरुण कुमार, सीईओ, बीसीएलएल