SIR MP- एसआईआर पर एमपी के मुख्य निर्वाचन आयुक्त का बयान, ओटीपी और फर्जी संदेशों से किया सतर्क
SIR MP - एमपी में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण एसआईआर का काम चल रहा है। इससे संबंधित बड़ा अपडेट सामने आया है। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा सीईओ ने वोटर्स को सतर्क करते हुए कहा है कि गणना पत्रक भरने के लिए किसी भी प्रकार के ओटीपी की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने एसआईआर पत्रक भरते समय सुरक्षा उपायों का पालन करने का आग्रह किया। सीईओ संजीव कुमार झा ने कहा कि आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर ही एसआईआर भरें। इसके साथ ही उन्होंने 'आपका वोटर कार्ड रद्द हो जाएगा', जैसे संदेशोें पर भी वोटर्स को चेताया।
सीईओ संजीव कुमार झा ने कहा कि एसआईआर के दौरान गणना पत्रक भरने के लिए बीएलओ या किसी भी अन्य अधिकारी द्वारा किसी भी माध्यम से ओटीपी मांगे जाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि 2003 की मतदाता सूची में स्वयं, माता-पिता या दादा-दादी संबंधी जानकारी पता करने के लिए भी वोटर अपने क्षेत्र के बीएलओ अथवा नजदीकी हेल्पडेस्क से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा जानकारी ऑनलाइन voters.eci.gov.in या ceoelection.mp.gov.in पर भी प्राप्त की जा सकती है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा ने नागरिकों से एसआईआर पत्रक भरते समय सुरक्षा उपायों का पालन करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि हर हाल में केवल आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर ही एसआईआर भरें।
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि एसआईआर प्रक्रिया पूरी तरह निःशुल्क है। किसी भी प्रकार की फीस, प्रोसेसिंग चार्ज या भुगतान करने के लिए कहे जाने से संबंधित संदेश या कॉल धोखाधड़ी करने के लिए किए जा सकते हैं। निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार 'आपका वोटर कार्ड रद्द हो जाएगा', 'तुरंत एसआईआर भरें' जैसे संदेश फर्जी हो सकते हैं।
अधिकारियों ने एसआईआर के लिए साइबर कैफे का उपयोग करते समय सतर्क रहने की हिदायत दी है। यह भी साफ किया है कि व्हॉट्सऐप या सोशल मीडिया पर मिले लिंक न खोलें। ऑटो-सेव बंद रखें, कार्य समाप्त होने पर ब्राउजर इतिहास, कैश साफ़ करें और अनिवार्य रूप से लॉगआउट करें।
ओटीपी या व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
एसआईआर की प्रक्रिया में निर्वाचन विभाग या किसी अधिकारी द्वारा फोन/मैसेज पर ओटीपी, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि मांगना प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। यदि कोई इस तरह की जानकारी माँगता है तो वह 'साइबर फ्रॉड कॉल' हो सकता है।
किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल: www.cybercrime.gov.in अथवा हेल्पलाइन: 1930 पर करें।