Monsoon 2025: मध्य प्रदेश में मई की गर्मी से लोगों को प्रीमानसून एक्टिविटीज दे रही राहत, इस बीच मौसम विभाग से आई बड़ी खबर, मानसून 2025 के इस सीजन में सुपरफास्ट गति से आगे बढ़ रहा है, वहीं एमपी में जून के पहले हफ्ते में मारेगा एंट्री, इस बार औसत से ज्यादा बारिश, झूम-झूम कर बरसेगा पानी...
Monsoon 2025: मानसून सुपरफास्ट गति से दौड़ रहा है। इस बार एमपी में 8 दिन दिन पहले और राजधानी भोपाल में जून के पहले हफ्ते में ही राजधानी में मानसून आ जाएगा। नगर निगम और जिला प्रशासन की तैयारियां मानसून के आगमन के लिहाज से बहुत पीछे हैं। लिहाजा इस बारिश में शहरवासियों को परेशानी झेलना तय है। नाले साफ नहीं है। सीवर चोक हैं। नालियों में गंदगी और सिल्ट जमा है। इसलिए गलियों का डूबना तय है। बिजली का मेंटेनेंस भी अधूरा है। सैकड़ों डीपी खुली हैं। ट्रांसफार्मर में कंरेट उतर रहा है। सीवेज के ढक्कन गायब हैं। बारिश में लोग इनमें गिरेंगे। बड़ी बात यह है कि सडक़ों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। ऐसे में एक बार बारिश शुरू हुई तो फिर सितंबर के बाद ही ये गड्ढे भरे जा सकेंगे। तब तक इनमें हिचकोले खाने के लिए अभी से तैयार रहना होगा।
नगर निगम व पीडब्ल्यूडी की करीब 1200 किमी लंबाई की सडक़ों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। पीडब्ल्यूडी की 500 किमी मुयमार्ग में से 150 किमी पर सुधार करना है, जबकि निगम की 2500 किमी लंबी सडक़ में आधी खराब है। नर्मदापुरम रोड की सर्विस लेन हो या फिर करोद, भानपुर से लेकर जहांगीराबाद, शाहजहांनाबाद, मंगलवारा की अंदरुनी सड़कें और अरेरा कॉलोनी की गलियां तक गड्ढों से भरी है। कई जगह सड़कें धंस गई हैं। इनका सुधार 15 दिन में संभव नहीं है।
2024: सीजन में कुल बारिश 1608 मिमी
सामान्य से 533.7 मिमी अधिक
2023: सीजन में कुल बारिश 919.9 मिमी
सामान्य से 144.5 मिमी कम
मौसम विशेषज्ञ डॉ जीडी मिश्रा का कहना है कि इस बार मानसून बेहतर रहने की संभावना है, साथ ही तय समय से पहले भी आ सकता है। इस बार मानसून के दौरान अलनीनो की न्यूट्रल स्थिति रहेगी, ऐसे में इसका मानसून पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा। मध्यभारत में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों ओर से मानसूनी गतिविधियां सक्रिय होती है। ऐसे में इन दोनों ही ओर से सिस्टम ज्यादा सक्रिय रहने की उमीद है।
शहर में करीब साढ़े तीन हजार किमी लंबी बिजली लाइन में अभी 800 किमी का मेंटेनेंस बाकी है। जबकि रोजाना मेंटेनेंस के नाम पर कटौती हो रही है। पुराने शहर में 60 फीसदी लाइनें ऐसे उलझी हैं कि थोड़ी सी हवा से फॉल्ट होता है। कोकता से लेकर रचना नगर, सुभाष नगर, सुभाष कॉलोनी, अशोका गार्डन, सेमरा, चांदबड़ की लाइनों का सुधार बाकी है। ट्रांसफार्मर फुंके हैं। उनमें कंरेट उतर रहा है। बिजली की 40 प्रतिशत से ज्यादा डीपी खुली हैं।
ये इंतजाम भी अधूरे: बारिश के पानी में लार्वा जमा होने व मच्छरों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम अधूरे हैं। नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग की अभी तक टीम ही नहीं बन पाई है। जलजमाव और लार्वा को रोकने के इंतजाम नाकाफी हैं। मच्छरों को मारने के लिए अभी तक फॉगिंग का प्लान ही नहीं बना है।
बता दें कि प्री-मानसून एक्टिविटी के बीच मानसून की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। आमतौर पर मई में तेज गर्मी और लू की स्थिति रहती है, लेकिन इस बार मई में ही मानसून की चर्चाएं चलने लगी हैं। इसका कारण यह है कि इस बार मानसून की आमद जल्दी हो रही है। मानसून मुंबई पहुंच गया है, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि एमपी में में पहले और भोपाल में दूसरे सप्ताह में मानसून की दस्तक हो सकती है। भोपाल में मानसून की सामान्य तारीख 20 जून है, लेकिन तय समय से पहले मानसून आने की उमीद है।
सोमवार को भी शहर में उमस से लोग बेहाल रहे, दिन में धूप भी खिली रही, ऐसे में तापमान में 3.8 डिग्री की बढ़ोतरी हो गई। सोमवार को शहर का अधिकतम तापमान 38.6 और न्यूनतम 26 डिग्री दर्ज किया गया।
मानसून पूर्व तैयारियों के संबंध में जब नगर निगम के जिमेदार अफसरों से बात की गयी तो उनका जवाब गैर जिमेदाराना भरा रहा। महापौर मालती राय ने कहा-आधा कार्य हो चुका है। कार्य जारी है, जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। अपर आयुक्त देवेंद्र चौहान का जवाब था-सहायक आयुक्त कीर्ति चौहान सें मिलें। मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। जबकि, कीर्ति चौहान ने कॉल का कोई जवाब नहीं दिया। मैसेज को भी अनदेखा कर दिया।
कृषि विशेषज्ञ एचडी वर्मा का कहना है कि इस बार जल्द मानसून आने का पूर्वानुमान बताया जा रहा है, अगर मानसून जल्द आता है, तो फसलों के लिए बुआई जल्दी होगी, वैसे में जून जुलाई में बोवनी का सीजन रहता है, लेकिन जरूरी यह है कि बीच में बारिश का गेप नहीं होना चाहिए, अन्यथा फसलों को नुकसान हो सकता है।
मानसून में आपात स्थिति से निपटने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। हाल ही में बैठक हुई है। हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। सभी विभागों में समन्वय के लिए वॉट्सएप ग्रुप भी बनाया है।
कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर