MP congress: एमपी में लगातार करारी हार का सामना कर रही कांग्रेस अब कोई भी दांव बिना किसी प्लानिंग के नहीं चलना चाहती, जहां सृजन संगठन के माध्यम से जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की गई वहीं अब दिल्ली से राहुल गांधी ने इन सभी जिला अध्यक्षों के लिए नया फरमान भेजा है… जानें क्या है मामला
MP congress: दरअसल वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए मध्य प्रदेश जिला कांग्रेस अध्यक्षों को ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए निर्देश भेजे हैं। राहुल गांधी ने जिला अध्यक्षों को सर्वाधिकार देते हुए फ्री हैंड कर दिया है कि वे ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति अपने विवेक के आधार पर कर सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया है कि ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियां करते समय वे पार्टी के संगठन सृजन अभियान के माध्यम से क्षेत्रों, जातीय और स्थानीय समीकरणों को ध्यान रखते हुए नियुक्तियां करेंगे। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें जिले के जातिगत समीकरण का तैयार किया डाटा भी भेजा है।
बता दें किMP में जिला अध्यक्षों को नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए 40 दिन का समय दिया गया है। ताकि लोकसभा और विधान सभा चुनावों में हुई करारी हार के पीछे रही कमजोर संगठन को फिर से मजबूत किया जा सके। संगठन को सशक्त बनाने के लक्ष्य को लेकर कांग्रेस द्वारा वर्ष 2025 को संगठन वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। जिला इकाइयों को मजबूत बनाने के लिए जिला अध्यक्षों का चयन इसी प्रयास का उदाहरण है। अब इन अध्यक्षों को अब अपने नीचे की इकाइयां स्वयं बनानी हैं।
दिल्ली से राहुल गांधी के निर्देश आने के बाद कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने जिला अध्यक्षों से कहा है कि वे स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए ऐसी टीम तैयार करें, हर हाल में, चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हों, अपनी विचारधारा से जरा भी न फिरे। ऐसी टीम जो संघर्ष से निकलकर आगे निलने का जज्बा रखे। भाजपा व सरकार का डटकर मुकाबला करे।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री संजय कामले ने कहा कि, संगठन की सबसे पहली और महत्वपूर्ण इकाई है 'जिला इकाई'। इस नाते जिला अध्यक्षों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए जिला अध्यक्ष अपने विवेक से नाम तय करें और प्रदेश कांग्रेस को भेजें। जिस पर आलाकमान की मुहर लगने के बाद फाइनल सूची जारी की जाएगी।
एमपी कांग्रेस (MP Congress) में ब्लॉक स्तर पर अध्यक्षों की नियुक्तियां ही जिला अध्यक्षों की पहली और बड़ी परीक्षा मानी जा रह है। इसमें उन्हें न केवल वरिष्ठ नेताओं के साथ जातीय और स्थानीय समीकरणों को साधते हुए अपने विवेक से निर्णय लेकर टीम तैयार करनी है। वहीं टीम तैयार करते हुए राहुल गांधी की मंशा का भी ध्यान रखना होगा। इससे साफ है कि कांग्रेस अब फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है, यानी हर नेता ऐसा जिसके लिए पार्टी सबकुछ हो…पार्टी पहले हो।
जिला अध्यक्षों का सहयोग समन्वय समिति करेंगी। इसकी तैयारी के लिए प्रदेश कांग्रेस ने समिति जिला अध्यक्षों के साथ विचार-विमर्श करने 26 सितंबर तक बैठकें करने के निर्देश दिए हैं।