MP Electricity Power Cutting: मध्यप्रदेश की राजधानी समेत प्रदेशभर के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, बिजली कटौती पर होगा एक्शन, मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने जारी किया कटौती का नया फॉर्मूला, नहीं मानी बात, तो कंपनी अफसरों पर होगा एक्शऩ...
MP Electricity Power Cut: बिजली उपभोक्ताओं को अब अधिक देर और अतिरिक्त बिजली कटौती से राहत मिलेगी। संभाग मुख्यालय व औद्योगिक क्षेत्र में माह में 5 बार या 5 घंटे तक की कटौती तय की गई है। जिला मुख्यालय पर ये महीने में 25 बार या 15 घंटे अधिकतम रहेगी। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने इसके आदेश जारी किए हैं। तकनीकी सदस्य प्रशांत चतुर्वेदी व कार्यवाहक अध्यक्ष गोपाल श्रीवास्तव के जारी आदेश में कंपनियों को सिस्टम एवरेज फ्रीक्वेंसी और ड्यूरेशन इंडेक्स का फॉर्मूला भी दिया है। इसे लेकर वे कटौती का गणित बनाएंगे।
हालांकि इलेक्ट्रिसिटी राइट ऑफ कंज्यूमर रूल्स 2020 के तहत एक साल में 90 बार कटौती या 60 घंटे तक की ही कटौती होगी। खास यह है कि आदेश के उल्लंघन पर बिजली कंपनियों पर क्या कार्रवाई होगी, यह साफ नहीं है।
सिस्टम एवरेज इंटरक्शन फ्रीक्वेंसी इंडेक्स और सिस्टम एवरेज इंटरक्शन ड्यूरेशन इंडेक्स के फॉर्मूले से बिजली कटौती की संख्या और घंटे मापे जाएंगे। यह प्रति उपभोक्ता के आधार पर काम करता है। सिस्टम एवरेज इंटरक्शन फ्रीक्वेंसी इंडेक्स हर साल प्रति उपभोक्ता बिजली कटौती की संख्या मापता है। सिस्टम एवरेज इंटरक्शन ड्यूरेशन इंडेक्स प्रति वर्ष प्रति उपभोक्ता कटौती की कुल अवधि मापता है। जैसे 1 लाख उपभोक्ता हैं। दो लाख बार कटौती हुई तो दो बार माना जाएगा। यानि कटौती प्रति उपभोक्ता के आधार पर तय होगी। ऐसे ही कटौती के घंटों का आकलन होगा।
मध्य प्रदेश में बिजली कटौती कोई नई बात नहीं है। भोपाल में ही 22 अगस्त को सुबह 11 से तीन बजे कंपनी ने नीलबड़ उपकेंद्र से कटौती की। इससे 36 मोहल्ले-कॉलोनियों में अंधेरा रहा। 22 जुलाई को कोलार, मिसरोद समेत 69 इलाकों में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक कटौती की गई। अब नियामक आयोग के आदेश के बाद ऐसी स्थिति से मुक्ति मिलेगी।