MP News: सीएम मोहन यादव ने दिखाई सख्ती, कलेक्टरों समेत, जिला पंचायत सीईओ, एसीप, डीएफओ समेत तमाम बड़े अधिकारियों को गांव जाने के दिए आदेश, बोले चौपाल लगाओ, समस्याएं सुनों और दूर करो, हर अस्पताल का निरीक्षण करने की नसीहत...
MP News CM Mohan Yadav: अब कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, एसपी, डीएफओ समेत तमाम बढ़े अधिकारियों को गांवों में रात गुजारनी होगी। चौपाल लगाने होंगे और जनता की समस्याओं को सुनकर दूर करना होगा। कमिश्नर- कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में ये निर्देश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिए हैं। सीएम ने यह भी कहा कि अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करें। बड़े अस्पतालों के साथ प्राईवेट मेडिकल कॉलेज पीपीपी मॉडल में निर्मित किए जाएं। जिलों में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास के अमले में पर्याप्त समन्वय रहे। नगरीय निकायों के क्षेत्र में शहरी यातायात सुधारें। बड़े शहरों में फ्लाई ओवर बनवाएं। अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण की प्रक्रिया तेज होनी चाहिए।
सीएम डॉ. यादव (CM Mohan Yadav) ने इसके साथ ही नसीहत दी कि विजन-2047 के तहत प्रथम पांच वर्ष की योजना पर काम करें। जिलों के अधिकारी टीम बनाकर काम करें। सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण समय करें और जनसुनवाई में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जिले से जन प्रतिनिधियों से संवादहीनता की शिकायतें नहीं आना चाहिए। यदि ऐसी शिकायतें आई तो कार्रवाई होगी।
कॉन्फ्रेंस में शामिल अफसरों को मुख्यमंत्री निवास पर डिनर दिया गया। इसमें शामिल होने वाले कई अफसर एक-दूसरे से व समूह में बातचीत करते दिखे।
गुना कलेक्टर ने गुलाब क्लस्टर डेवलपमेंट के बारे में बताया। हरदा कलेक्टर ने प्राकृतिक एवं जैविक खेती के प्रोत्साहन किए गए प्रयासों की जानकारी दी। शाजापुर कलेक्टर ने खाद वितरण के लिए टोकन प्रणाली के बारे में बताया। श्योपुर कलेक्टर ने नरवाई निष्पादन नियंत्रण की बेहतर व्यवस्था की जानकारी दी। खंडवा कलेक्टर ने जिले में सफलतापूर्वक गोशाला संचालन के बारे में बताया। कॉन्फ्रेंस में सीएम ने उनके कार्यों की सराहना की।
कॉन्फ्रेंस के पहले सत्र में एमपी के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने अफसरों को दो टूक नसीहत दी, कहा कि आइएएस है, यह अच्छी बात है लेकिन खुद को जनता का सेवक समझें, उनके बीच जाएं, संवाद करें, उनकी समस्याएं सुनें, राहत दिलाए। सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव ने कुछ अफसरों को समझाइश दी कि खुद को बहुत बड़ा समझने की गलती न करें। कॉन्फ्रेंस में आज: बुधवार को कानून व्यवस्था सहित ग्रामीण जन-जीवन से जुड़े बिन्दुओं पर विमर्श व सरकार की प्राथमिकताएं बताई जाएंगी। दूसरे दिन 3 सत्र होंगे। इसमें सीएस के अलावा सीएमओ में एसीएस नीरज मंडलोई और आयुक्त जनसंपर्क दीपक सक्सेना सीएम के प्राथमिकता के बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।
1. जनप्रतिनिधियों से सामंजस्य।
2. जवाबदेही तय करें
3. क्षमता का उपयोग हो
4. जनता तक योजना पहुंचे
5. अंतिम छोर के व्यक्ति को लाभ।
6. कमियों को पहचानें, उन उन्हें कम से कम समय में दूर कर लें।
7. गुड गवर्नेंस जमीन पर दिखे।
8. ऐसे जनहितैषी काम करें, जो जनता को याद रहे।
9. कार्यालय से बाहर निकलें।
10. सकारात्मक रहें।
-- जिलों में नवाचार की प्रक्रिया निरंतर जारी रहे।
-- जिन योजनाओं में सुधार की गुंजाइश है, उन पर काम करें।
-- गीता भवन नगरों में सामाजिक सद्भाव बढ़ाएंगे।
--काम में तेजी लाएं।
--साडा के कार्यों की समीक्षा हो, उद्योगों के लिए एमओयू करें।
--पुरानी बंद मिलों की भूमि का यथाशीघ्र निपटारा किया जाए।
--धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने प्रत्येक जिले में संभावनाओं को साकार करें।
--लघु-कुटीर उद्योगों को प्राथमिकता देते हुए काम हो।
--भू-अर्जन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए।
--राजस्व महाभियान में 1.08 करोड़ प्रकरण निराकृत हुए। इस अभियान को जारी रखें।
-- कृषि क्षेत्र में भावांतर योजना का अधिक किसानों को मिले लाभ। उद्यानिकी फसलों को प्रोत्साहित करें। गुलाब की खेती को धार्मिक शहरों के निकट बढ़ाएं। ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा दिया जाए। प्रत्येक जिले में सप्ताह में एक दिन जैविक एवं प्राकृतिक खेती के उत्पादों के लिए बाजार नियत होना चाहिए।