MP News: मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए नया फरमान जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अधिकारियों ने स्कूल में पढ़ाने के साथ-साथ शिक्षकों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
MP News:मध्यप्रदेश शासन का स्कूल शिक्षा विभाग जो करे सो कम है। आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अधिकारियों ने इसकी जिम्मेदारी शिक्षकों पर डाल दी है। पढ़ाई कराने के साथ उन्हें स्कूल परिसर से कुत्तों को भी भगाना होगा। इस निर्देश से शिक्षकों में जहां गुस्सा है तो वहीं मामला प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गया है। यह निर्देश बच्चों की सुरक्षा और कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए दिया गया है। अगर कोई आवारा कुत्ता किसी बच्चे को काट लेगा तो शिक्षक पर कार्रवाई होगी।
राजधानी भोपाल में सवा सौ प्राइमरी निर्देश स्कूलों में बाउंड्री नहीं है। यहां का पालन मुसीबत होगी। जिले में कुछ 836 स्कूल हैं। गागले में अधिकारियों ने बताया कि लोक शिक्षण के निर्देश के आधार पर बच्चों की सुरक्षा तय करने व्यवस्था है।
स्कूल से कुत्तों को भगाने की जिम्मेदारी के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में कुत्तों का डेरा नजर आया। परिसर की तस्वीरों में ये नजर आए।
गवेशियों और कुत्तों को भगाने शिक्षकों के अधिकारियों ने जो आदेश जारी किए वह शिक्षकों की छवि खराब करने वाले हैं। यह काग शिक्षकों का नहीं है। आवारा मवेशियों को पकड़ने के लिए नगर निगम को इंलजाग करना चाहिए। मागले शिकायत दर्ज कराएंगे।-उपेन्द्र कौशल, अध्यक्ष मप्र शिक्षक संगठन