MP News: पीडब्ल्यूडी में इन दिनों जिम्मेदार कौन की तलाश की जा रही है। दरअसल मामला शहर की 122 किमी लंबी सडक़ों के मेंटेनेंस से जुड़ा है।
MP News: पीडब्ल्यूडी में इन दिनों जिम्मेदार कौन की तलाश की जा रही है। दरअसल मामला शहर की 122 किमी लंबी सडक़ों के मेंटेनेंस से जुड़ा है। बीते साल खराब हो चुकी सडक़ों का मेंटेनेंस संबंधित ठेकेदारों से नहीं कराया और अब इस साल ये ठेकेदार की तीन साल की गारंटी से बाहर हो चुकी है। करीब 60% सडक़ें गारंटी से बाहर हुई। अब इनके जिम्मेदारों की जांच की जा रही है। भोपाल के नेहरू नगर से लेकर भदभदा, कलियासोत, वैशाली, पीएंडटी, सूरज नगर से लेकर आगे की सड़कें शामिल है।
गारंटी से बाहर होने से ठेकेदार पर अब इन्हें दुरूस्त करने दबाव नहीं डाला जा सकता। ऐसे में अब विभाग को ही करीब 32 करोड़ रुपए इनपर खर्च करने होंगे। अब विभाग स्तर पर ठेकेदारों से इन्हें दुरूस्त क्यों नहीं कराया गया। शासन से इसे लेकर सवाल हुआ तो अब जांच की जा रही है कि जिमेदार इंजीनियर कौन है। बीते दो माह में सभी इंजीनियर बदल गए हैं। उनका ट्रांसफर हो गया, ऐसे में किसके समय में मेंटेनेंस में बेपरवाही रखी गई, इसकी पड़ताल की जा रही है।
इस समय पीडब्लयूडी की गारंटी वाली सड़कें 256 किमी है। यानि इनपर टूटफूट की स्थिति में ठेकेदार ही सुधार करेगा। पिछले साल ये गारंटी 378 किमी लंबी सडक़ों पर थी। 516 किमी में महज 138 किमी की सडक़ें ही पीडब्ल्यूडी के जिम्मे सुधार के लिए थी। अब ये लगभग दोगुना हो गई है।
गारंटी में शामिल सड़कों का सुधार ठेकेदार ही करता है। गारंटी में शामिल होने व बाहर होना प्रक्रियागत है। विभागीय स्तर पर शासन से गारंटी सडक़ों पर जवाब दिया जा रहा है।- संजय मस्के, सीई, पीडब्ल्यूडी