MP News: गंभीर अपराधों की जांच में सुधार और जिम्मेदारी तय करने के लिए पुलिस मुख्यालय की सीआइडी ने नई मानक कार्यप्रणाली (एसओपी) तैयार की है। इसके तहत हर स्तर के अफसरों का जिम्मा तय होगा। जांच में देरी या लापरवाही पर अफसर जिम्मेदार होंगे।
MP News: गंभीर अपराधों की जांच में सुधार और जिम्मेदारी तय करने के लिए भोपाल पुलिस मुख्यालय की सीआइडी ने नई मानक कार्यप्रणाली (एसओपी) तैयार की है। इसके तहत हर स्तर के अफसरों का जिम्मा तय होगा। जांच में देरी या लापरवाही पर अफसर जिम्मेदार होंगे। धारा 113 (आतंकवादी कृत्य), धारा 111 (संगठित अपराध) जैसे मामलों में एसपी की सीधी जिम्मेदारी होगी। डीएसपी, एएसपी, टीआइ तक की भूमिका अपराध के हिसाब से तय की है।
एसओपी के अनुसार, जिलों के एसपी को हर माह कम से कम 4 गंभीर अपराधों की जांच खुद करनी होगी। यदि ऐसे मामलों की संख्या कम है तो अन्य गंभीर अपराधों का चयन करना होगा। एसपी मौके पर जांच करेंगे और हर माह अन्य 6 मामलों की विवेचना की निगरानी भी करेंगे। चार्जशीट पेश होने तक निगरानी करेंगे।
इंदौर हाईकोर्ट ने गंभीर अपराधों की जांच में चूक रोकने के लिए हर जिले में आइपीएस अफसर और सब-इंस्पेक्टर स्तर तक जिम्मा तय करने के निर्देश दिए थे। इसके खिलाफ पुलिस मुख्यालय सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और वहां से सहमति के बाद पूरे प्रदेश में गंभीर मामलों की जांच के लिए एसओपी बनाई।