MP news: सीएम मोहन यादव ने दिए सख्त निर्देश, राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की बैठक में बोले दो टूक, जानें क्या बोले सीएम...
MP News: मध्यप्रदेश अब दूसरे राज्यों को वन्यप्राणी देने में दरियादिली नहीं दिखाएगा। किसी राज्य को बाघ देगा तो बदले में बाघ ही लेगा। यदि संबंधित राज्य के पास बाघ न हों तो वहां पाए जाने वाले मुख्य वन्यप्राणी लेगा। पहले कुछ मामलों में प्रदेश ने बाघ देकर छोटे वन्यप्राणी लिए। सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को हुई राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की बैठक में व्यवस्था को और सख्त बनाने के निर्देश दिए। विभिन्न वन क्षेत्रों, रिजर्वों से गुजरने वाली 15 से ज्यादा परियोजनाओं को मंजूरी दी।
ओंकारेश्वर अभयारण्य की मंजूरी फिर अटक गई है। पूर्व के प्रस्ताव में बदलाव होगा। क्षेत्र की सिंचाई परियोजना के लिए 200 वर्ग किमी का क्षेत्र छोडऩे के बाद बनने वाले नए प्रस्ताव मंजूर होंगे। सीएम ने कहा, प्रदेश की जैविक विविधताओं का वैश्विकस्तर पर प्रचार करें। वानस्पतिक-जैविक विविधताओं की ब्रांडिंग हो। भारतीय फिल्म डिवीजन, डिस्कवरी व दूसरे चैनल्स के साथ शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, प्रमोशनल कैप्सूल बनाएं।
ओडिशा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को तीन जोड़े बाघ देने हैं। केंद्र के संज्ञान में भी यह बात लाई जा चुकी है। राष्ट्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण पहले ही अनुमति दे चुका है। अब राज्य को अपने स्तर पर निर्णय लेना है। जब बैठक में यह विषय आया तो, इससे जुड़े सभी पहलुओं पर बातचीत की गई।
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, असम से गैंडा या एक सींग वाला गैंडा लाने की प्रक्रिया तेज करें। इस काम में सरकार के स्तर पर मदद की जरूरत हो तो, वह भी बताएं। हर संभव मदद की जाएगी। नदियों में मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल सहित डॉल्फिन जैसे जलीय जीव छोड़े जाए।
बोर्ड सदस्य व पूर्व आइएफएस अफसर डॉ. आलोक कुमार ने कहा, पन्ना व बांधवगढ़ रिजर्व के परिक्षेत्र में एक और कन्जर्वेशन रिजर्व बना सकते हैं। इसकी जरूरत है। कान्हा और बांधवगढ़ परिक्षेत्र में बालाघाट जिले के सोनेवानी रेंज को मिलाकर नए कन्जर्वेशन रिजर्व बना सकते हैं। एपीसीसीएफ कृष्णमूर्ति ने बताया, जंगली हाथियों के कारण दुर्घटनाएं और मानव द्वंद रोकने के लिए एआइ आधारित गजरक्षक ऐप बनाया है। यह हाथियों की गतिविधि की सूचना देता है। हाथी मित्र दल भी बनाए जा रहे हैं।