GIS 2025: 19वीं शताब्दी में भोपाल रियासत के नवाबी दौर में बनी यह शाही इमारत सालों उपेक्षित रहने के बाद करीब सात साल के पुनर्निर्माण और जीर्णोद्धार के बाद इस स्वरूप में आ गई है कि लोग इसे देख कह कर वाह कह उठे...
GIS 2025 Guest Grand Welcome at Sadar Manzil: भोपाल की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत किए गए प्रयासों का यह उदाहरण है। आधुनिक सुविधाओं जैसे जिम, स्पा, स्वीमिंग पुल को शामिल करने के साथ ही यहां पारंपरिक वास्तुकला को बरकरार रखा गया है। इसके विशाल पहरेदार दरवाजे, शानदार आंगन, गुंबददार छत, नक्काशीदार दरवाजों और मजबूत स्तंभों, सीढिय़ों को यहां विशेष रूप से उसी स्वरूप में रखा गया है ताकि आने वाले मेहमान भोपाल की शाही विरासत का अनुभव ले सकें।
19वीं शताब्दी में भोपाल रियासत के नवाबी दौर (Nawabi Pomp Splendor Returned) में बनी यह शाही इमारत सालों उपेक्षित रहने के बाद करीब सात साल के पुनर्निर्माण और जीर्णोद्धार के बाद इस स्वरूप में आ गई है कि लोग इसे देख कह कर वाह कह उठे।
सदर मंजिल (Sadar Manzil) को रिस्टोर करके खास सिर्फ कपल्स के लिए एक लग्जुरियस रिट्रीट बनाया गया है। स्टे की शुरुआत एक नफीस वैलकम से होगी। एयरपोर्ट पर पारंपरिक रूप से मेहमानों (GIS Guest) अभिवादन होगा। एंटीक फर्नीचर के साथ 22 आकर्षक विंटेज रूम्स और सुइट्स हैं, जो शानदार टुर्कोईज और क्रीम कलर्स में फिनिश किए गए हैं। हर गेस्ट को मिलेगी हेरिटेज होस्टेस की सुविधा। गेस्ट के लिए हेरिटेज टूर, जिसमें विंटेज कार में सैर कराई जाएगी।
इस शादी इमारत ने उस दौर को देखा है जब 1911 में लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय का सदर मंजिल पर आगमन हुआ था और बेगम ने उनका भव्य स्वागत किया था, तोपों की सलामी दी गई थी। यह राजनीति और प्रशासन के केंद्र के रूप में भोपाल की उन्नति में एक महत्वपूर्ण क्षण था। सरकार-ए-आलिया की विरासत इन यात्राओं से भी आगे तक फैली। जागीरदार व्यवस्था में सुधार से लेकर किंग एडवर्ड संग्रहालय की स्थापना की गई। महिलाओं के स्वास्थ्य, सांस्कृतिक शिक्षा और प्रगतिशील शासन को आगे बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा कि 'सदर मंजिल होटल विरासत इस शहर और पूरे मध्यप्रदेश राज्य की समृद्ध पहचान और गौरव का प्रमाण है। 126 साल के इतिहास और विरासत को फिर से जीवंत करके, आइए हम सभी अपने अतीत की इस शानदार याद को गले लगाएं और जश्न मनाएं।
जैसे ही आप राजसी पहरेदार दरवाजे से गुजरते हैं, एक ऐसी दुनिया में कदम रखते हैं, जहां इतिहास और भव्यता एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। कई गणमान्य व्यक्तियों और राजघरानों के आगमन का गवाह रहा यह दरवाजा आपको तुरंत बीते युग की समृद्धि में ले जाता है।