
PM Modi in MP
PM Modi in MP: हरिचरण यादव. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार से 2 दिन तक एमपी के प्रवास पर रहेंगे। उनके लिए प्रदेश में रात बिताना कोई नया नहीं है, वह 26 साल पहले डेढ़ महीने तक एमपी (PM Modi in MP) में रहे थे। मौका 1998 में हुए विधानसभा चुनाव का था। तब पार्टी ने उन्हें मप्र का चुनाव प्रभारी बनाया था। एक दिन वह 7 नंबर स्टॉप पर स्थित (जहां वर्तमान में भाजपा का नया प्रदेश कार्यालय निर्माणाधीन है) भाजपा कार्यालय में चुनाव सामग्री की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कार्यालय मंत्री रघुनंदन शर्मा से चुनाव सामग्री के स्टॉक के बारे में जानकारी ली। पूछा, एक विधानसभा को कितने बैनर-पोस्टर भेजे जाएंगे। जवाब मिला- 200 से 250 ही दे पाएंगे। संसाधनों का अभाव है। मोदी कुछ समय मौन रहे और समीक्षा को आगे बढ़ा अन्य पर केंद्रित किया। वहीं समीक्षा के तीसरे दिन प्रदेश भाजपा कार्यालय के सामने दो ट्रक खड़े थे, उनमें चुनाव सामग्री थी।
खासकर पार्टी के झंडे के कलर वाले कपड़े थे। मोदी ने कार्यालय मंत्री को बुलाया और कहा, 250 बैनर-पोस्टर से काम नहीं चलेगा, हर प्रत्याशी के लिए कम से कम 2500 बैनर-पोस्टर भेजिए…। अब सोमवार को पीएम बनने के बाद मोदी मप्र में पहली रात बिताने वाले हैं। तब और अब के प्रसंग को याद कर वरिष्ठ भाजपा नेता रघुनंदन शर्मा कहते हैं कि किसी भी काम को बेहतर बनाने के लिए मोदी की सोचने-समझने की क्षमता का अंदाजा नहीं लगा सकते।
काम दो ट्रकों में जो चुनाव सामग्री आई थी, उनमें बड़ी मात्रा में पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल में शामिल तीनों रंगों के कपड़े थे, उनकी सिलाई कर झंडे, बैनर-पोस्टर बनाने थे जो कि मुश्किल काम था क्योंकि समय कम था। तब पदाधिकारियों ने इस समस्या पर मोदी से सलाह ली तो उन्होंने कहा कि भोपाल समेत आसपास के जिलों में दर्जी का काम करने वालों से मदद लें। रघुनंदन शर्मा बताते हैं कि उनकी सलाह पर संत हिरदाराम नगर (तब बैरागढ़) के वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. धर्मेंद्र व नानकराम वाधवानी को बुलाया। दोनों की मदद से दर्जी बुलाए गए और इस तरह बैनर-पोस्टर बनाकर विधानसभाओं को भेजे गए।
उस समय नरेन्द्र मोदी की डेढ़ महीने की दिनचर्या को लेकर प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कई चौकाने वाले किस्से बताए। कहा, तब प्रदेश संगठन कई स्तर पर सत्ता के सामने कमजोर पड़ रहा था, जिसे देखते हुए मोदी ने वैचारिक रूप से मजबूती दी। वह पूरे दिन भ्रमण पर रहते। कई बार तो ऐसे मौके भी आए कि जब रात के 3 से 4 बजे जाते। तब भी वह सुबह समय पर उठते और काम पर लग जाते।
शर्मा बताते हैं कि 1998 के चुनाव को लडऩे के तौरतरी कों में नरेन्द्र मोदी ने जो बदलाव कराए, उसकी वजह से विपक्ष को कड़ी चुनौती मिली। हालांकि 1998 के चुनाव में पार्टी सफल नहीं हुई थी क्योंकि तैयारियों के लिए लंबे समय की जरुरत थी, जो नहीं मिला था लेकिन जब 5 साल बाद 2003 का चुनाव आया तो पार्टी के प्रदेश नेताओं ने पूर्व के चुनावों में कराए गए बदलावों पर मजबूती से अमल किया। इस तरह सभी प्रयासों से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में मदद मिली।
ये भी पढ़ें: बागेश्वरधाम में पीएम मोदी, दो दिन एमपी में रहेंगे
Published on:
23 Feb 2025 09:30 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
