Patrika Raksha Kavach: मध्य प्रदेश के सिंगरौली में डॉक्टर दंपति ने अवेयरनेस से जीती साइबर क्राइम की जंग, बिना ओटीपी वीडियो कॉल पर हुई थी ठगी, पहली बार इतनी जल्दी रुपए वापस मिले, पत्रिका रक्षा कवच अभियान कर रहा अवेयर, आप भी रहें सतर्क और सुरक्षित...
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर ठगी के बाद तीस मिनट कितने महत्वपूर्ण होते हैं। इस घटना से बखूबी समझ सकते हैं। मामला सिंगरौली के डॉक्टर दंपती का है। ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. राजीव चौधरी के पास 3 दिन पहले सैन्य अफसर का फोन आया।
खुद को कैप्टन सतीश बता सैनिक स्कूल के 48 बच्चों का मेडिकल टेस्ट करवाने की फीस पूछी। एडवांस पेमेंट के नाम बिना ओटीपी मांगे चार लाख रुपए ठग लिए। दंपती की सजगता से पुलिस ने तत्परता से तीन घंटे में रुपए ब्लॉक कर लौटवा दिए।
दोपहर 12 बजे दंपती लंच की तैयारी में था। तभी फोन बजा और ठग पहले पेमेंट करने की जिद करता रहा। डॉक्टर ने कहा, आप मेडिकल कराएं तभी पेमेंट कर देना, पर ठग ने आर्मी की प्रक्रिया बता पहले पेमेंट की बात कही। ठगों ने डॉ. हेमलता चौधरी को फोन पर गाइड किया और बगैर ओटीपी के दो बार में चार लाख रुपए कट गए।
डॉ. हेमलता चौधरी ने कहा, कोरोना के बाद अखबार मंगवाना छोड़ दिया। कभी- कभी ऑनलाइन पढ़ती थी, लेकिन अब फिर से अखबार मंगवाकर नियमित पढ़ेंगी। पत्रिका की मुहीम को सराहा।
ठगी के दौरान डॉ. हेमलता को एक बार शक हुआ तो उन्होंने पहचान पत्र मांगा। इस पर ठग ने बिना देर किए बीएसएफ और गृह मंत्रालय का कार्ड आइकार्ड भेज दिया। इससे डॉ. दंपती को उनके आर्मी ऑफिसर होने का भरोसा हो गया। अकाउंट से रुपए जाने का मैसेज आया तो डॉक्टर दंपती को ठगी को अहसास हुआ।
उन्होंने फोन ऑफ किया, फिर विंध्यनगर थाना प्रभारी अर्चना दुबे को फोन किया। उन्होंने 1930 में शिकायत करने की सलाह देकर एसपी ऑफिस बुलाया। डॉ. हेमलता बताती हैं कि ठगी के 20 मिनट में ऑनलाइन और लोकल पुलिस को शिकायत से फौरन पैसा होल्ड हो गया। अपराह्न तीन बजे तक खाते से कटे चार लाख रुपए वापस भी आ गए।
डॉक्टर दंपती ने ठगी के तुंरत बाद ऑनलाइन थाने में शिकायत की, जिससे पुलिस को मदद मिली। जितनी जल्दी सूचना देंगे उतनी जल्दी पैसे होल्ड होंगे।
-मनीष खत्री, एसपी, सिंगरौली
मंडला. व्हाटसऐपटेली ग्राम ग्रुप में जोड़कर ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के नाम ठगी करने वाले गिरोह का मंडला पुलिस ने खुलासा किया है। 16 राज्यों में 6.96 करोड़ की ठगी की। इनके खिलाफ देश में 48 शिकायत दर्ज हैं। अंजनियां के अंकुश झारिया से 17 लाख की ठगी के बाद जांच में यह खुलासा हुआ।
मंडला एसपी रजत सकलेचा ने बताया, 3 आरोपियों को गुजरात के गांधीनगर से गिरफ्तार किया। अंकुश ने पिता के रिटायरमेंट में मिली राशि 17 लाख की राशि ठगों के बताए खाते में आरटीजीएस कर दी थी।
अखबार नहीं पढ़ने वाली शेयर कारोबारी महिला को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 1.60 करोड़ 7 जिलों के 9 खातों में ट्रांसफर हुए। कमीशन पर खाते मुहैया कराने वाले मैहर निवासी पिता-पुत्र सहित चार को पुलिस ने पकड़ा है।
मैहर के राकेश ने पिता का भी खाता खुलवाया। इस खाते में 10 लाख आए। राकेश आम आदमी पार्टी का मैहर में जिला मंत्री है। सूरत से पकड़े प्रतीक और अभिषेक डिलीवरी बॉय का काम करते हैं, इनके खाते में 5 लाख ट्रांसफर हुए।
क्राइम ब्रांच डीसीपी आर के त्रिपाठी के मुताबिक, आरोपियों ने वारदात के लिए खाता दूसरे को दिया। खातों में ठगी की राशि आती, उस हिसाब से कमीशन बनता। खातों का नियंत्रण गिरोह पास होता। अब पुलिस खातों की जांच कर रही है। वारदात में इस्तेमाल खाता झारखंड का है तो सिक्किम की सिम का इस्तेमाल करते थे।
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