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डिजिटल अरेस्ट से डरें नहीं, पुलिस को तुरंत दें सूचना

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: पुरुषोत्तम गौर वाचनालय अविनाश नगर बरखेड़ा, भेल में सीनियर सिटीजन्स ने रखी बात, साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों ने भी सुनाई आपबीती, ताकि आप रहें अलर्ट

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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। रोज हम साइबर फ्रॉड के शिकार होने की खबरें पढ़ते और सुनते हैं। आम जनता को ऐसे फ्रॉड के प्रति जागरूक कर सकें, इसके लिए पत्रिका रक्षा कवच नाम से अभियान चला रहा है। अभियान के तहत रविवार को पुरुषोत्तम गौर वाचनालय अविनाश नगर बरखेड़ा भेल में सीनियर सिटीजन्स का टॉक शो आयोजित किया गया। इसमें लोगों से साइबर फ्रॉड और उससे बचने के उपायों पर चर्चा की गई।

इस मौके पर उमेश कुमार गुप्ता, सेवानिवृत्ति ङ्क्षप्रसिपल जिला जज ने लोगों को साइबर ठगी, डिजिटल अरेस्ट सहित जालसाजी से जुड़े अन्य मामलों की जानकारी दी और लोगों को इससे सावधान रहने और लालच नहीं करने की सीख दी। इस मौके पर टॉक शो में शामिल रामगोपाल ठाकुर, संजय ङ्क्षसह, राजेंद्र प्रसाद गोटिया, रमेश श्रीमाली, शिवकुमार कछवाहा, राम निवास सिंह सहित अन्य लोगों ने अपनी बात रखी और अपने साथ हुई घटनाओं को बताते हुए लोगों से ऐसे मामलों में जागरूक रहने की सलाह दी।

लालच में ना आएं

सबसे पहले लालच है, हमें लालच में नहीं आना है। मोबाइल हमारे जीवन का अनिवार्य अंग बन गया है। ऐसे में मोबाइल का उपयोग तो करें पर सावधानी के साथ। अपने खाते की जानकारी, खाता नंबर, पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि की जानकारी किसी को न दें।

मोबाइल में भी यह सब लिखकर न रखें। यह सब हमेशा अपनी डायरी में लिखकर रखें। इसमें भी कोड वर्ड में लिखें, अपनी डेट ऑफ बर्थ का पिन ना बनाएं। कोई भय दिखाए तो डरें नहीं और अपने वकील से संपर्क करें और पुलिस को सूचना दें। सात साल तक के अंदर होने वाली सजा में कोई गिरफ्तारी नहीं होती है। साइबर जालसाज द्वारा फोन लगाने पर स्थानीय पुलिस को सूचना दें।

आप खुद जागरूक बनें

आपके खाते में कैश जा रहा है और आ रहा है तो दोनों स्थिति में आपको सूचना मिलती है। आप खुद जागरूक बनें और लोगों के साथ परिवारजनों और दोस्तों को जानकारी देकर जागरूक बनाएं। किसी तरह के ङ्क्षलक पर क्लिक न करें, अपरिचित महिला से संपर्क ना करें बात ना करें।

-उमेश कुमार गुप्ता, सेवानिवृत्ति प्रिंसिपल, जिला जज

एक महिला ने बैंक कर्मचारी बनकर किया था फोन

वर्तमान में साइबर क्राइम बड़ी समस्या बन गई है। आए दिन लोगों के मोबाइल फोन पर कॉल लिंक आती है। जिसकी लालच में आकर लोग ठगे जा रहे हैं। मैं भी उन्हीं पीड़ितों में से एक हूं। हमें एक महिला ने बैंक कर्मचारी बनकर फोन किया कि आपका कार्ड ब्लॉक होने वाला है।

-राजेंद्र प्रसाद गोटिया, सेवानिवृत्त कर्मचार

फ्रॉड करने वाले नए-नए तरीके अपना रहे ठग

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सबसे उचित है कि आप जागरूक रहें, क्योंकि साइबर फ्रॉड करने वाले नए-नए तरीके अपना रहे हैं। आदमी अज्ञानता, लालच के कारण किसी न किसी तरीके से छला जाता है।

-संजय सिंह, रेलवे कर्मचारी

समाचार पत्र हमेशा पढ़ते रहें

समाचार पत्र हमेशा पढ़ते रहें जिससे, जागरुकता बनी रहती है। मौजूदा समय में नए- नए तरीकों से ठगी की जा रही है, जो समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रहती है। इसमें पत्रिका लगातार काम कर रहा है। लोग पत्रिका जरूर पढ़ें। डिजिटल अरेस्ट का फोन आने पर पुलिस को सूचना दें। भय के कारण शांत न रहें।

-रमेश श्रीमाली, सेवानिवृत्त कर्मचारी

अनजान क्यूआर कोड ना करें स्कैन

अनजान क्यूआर कोड को स्कै न न करें, अनजानी ङ्क्षलक पर क्लिक न करें और न ही उसे डाउनलोड करें। अपनी व्यक्तिगत जानकारी, पासवर्ड फोन में सेव न करें।

-रामगोपाल ठाकुर, सेवानिवृत्त भेल कर्मचारी

खातेदारों की जांच और वेरिफिकेशन कराए बैंक

बैंकों में खातेदार का मोबाइल नंबर, पता सहित अन्य जानकारी होती है। बैंक द्वारा इसकी जांच और वेरिफिकेशन कराया जाना चाहिए। इससे असली खातेदारों का पता चल जाएगा और फर्जी खाते पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई कराई जानी चाहिए। साइबर ठगों का कोई स्थाई पता नहीं होता है।

-शिवकुमार कछवाहा, सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी