MP News: डॉक्टर्स का कहना है कि मौसम परिवर्तन के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो रही है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्या अधिक देखी जा रही है।
MP News: वायरल बुखार का असर धीमा पड़ रहा है, लेकिन अब सर्दी-खांसी और गले में खराश की समस्या लोगों को परेशान कर रही है। एमवायएच सहित अन्य अस्पतालों की ओपीडी में मरीज सर्दी-जुकाम, खांसी और गले में संक्रमण की शिकायत के साथ डॉक्टरों के पास पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि मौसम परिवर्तन के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो रही है।
खासकर बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्या अधिक देखी जा रही है। सबसे आम लक्षणों में गले में खराश, बलगम वाली खांसी और नाक बहना शामिल है। कुछ मरीजों में सूखी खांसी के साथ सांस लेने में तकलीफ भी देखी जा रही है। डॉक्टरों ने बताया कि कुछ मामलों में गले का संक्रमण इतना बढ़ जाता है कि पांच से सात दिनों में ठीक हो रहा है।
सितंबर के अंतिम सप्ताह में तापमान में उतार-चढ़ाव के चलते मौसम में अचानक बदलाव देखा जा रहा है। दिन में गर्मी और रात में हल्की ठंड के कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि यही कारण है कि वायरल के बाद अब श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियां बढ़ी हैं। मौसम बदलते समय खुद का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी है। बार-बार ठंडा-गर्म पानी पीने से बचना चाहिए और बाहर की तली-भुनी चीजों का सेवन कम करना चाहिए।
वायरल बुखार के मरीजों की संख्या कुछ कम हुई है, लेकिन सर्दी-खांसी, गले की समस्या सामने आ रही हैं। मौसम परिवर्तन का प्रभाव अब शरीर के श्वसन तंत्र पर दिख रहा है। समय रहते सावधानी बरतना और चिकित्सकीय सलाह लेना इस संक्रमण से बचाव का सबसे कारगर उपाय है। -डॉ. अशोक ठाकुर, मेडिसिन विभाग, एमवायएच
-दिन-रात के तापमान में अंतर को देखते हुए कपड़ों का ध्यान रखें।
-गर्म पानी का सेवन करें और गुनगुने पानी से गरारे करें।
-इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे तुलसी, अदरक, शहद आदि का सेवन करें।
-भरपूर नींद लें और तनाव से बचें।
-जरूरत पड़ने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।