MP Government Schools : मध्य प्रदेश के राज्य शिक्षा केंद्र ने अपनी रिपोर्ट बताया गया है कि प्रदेश के साढ़े पांच हज़ार विद्यालयों की कक्षा 1 में 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में शून्य बच्चों का नामांकन हुआ है।
MP Government School : मध्य प्रदेश में लोग सरकारी स्कूलों में अपने बच्चो भेजना पसंद नहीं कर रहे है। ऐसा कोई और नहीं बल्कि राज्य शिक्षा केंद्र की ताजा रिपोर्ट कह रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य के करीब 5500 सरकारी स्कूलों की कक्षा 1 में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में एक भी बच्चे का नामांकन नहीं हुआ है।
यह तब हो रहा है जब रतलाम सीएम राइज स्कूल दुनिया के टॉप-3 स्कूलों में अपना नाम दर्ज करा चूका है। यहां तक की सीएम राइज स्कूल में नामांकन कराने के लिए लंबी लाइन लग रही है। इस रिपोर्ट पर राज्य शिक्षा केंद्र के निदेशक हरजिंदर सिंह ने अपना बयान दिया है जिसमें उन्होंने एक बड़ी बात कही है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कक्षा 1 में 25000 स्कूल में 1- 2 बच्चों, 23000 स्कूल में 3-5 बच्चों और 11345 स्कूल में 10 बच्चों का नामांकन हुआ है। इसकी वजह यह बताई जा रही हैं कि पेरेंट्स अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजना ज्यादा पसंद करते है सरकारी स्कूल के मुकाबले में। पेरेंट्स की सरकारी स्कूलों से यह भी शिकायत रहती है कि वहां स्वच्छ पीने का पानी, स्वच्छ स्वचालय, असेंबली हॉल जैसी बेसिक चीज़े भी बच्चों को मुहैया नहीं कराई जाती है। यहीं नहीं, परेंट्स ने यह भी दावा किया है बहुत से स्कूलों में पढ़ाने के लिए अध्यापक ही नहीं है और अगर है तो वह अतिथि शिक्षक है स्थायी नहीं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि राज्य सरकार की मिड डे मील और फ्री यूनिफार्म एवं किताब वितरण योजनाएं अभिभावकों और उनके बच्चों को लुभाने में असमर्थ रही हैं।
राज्य शिक्षा केंद्र के निदेशक ने रिपोर्ट को जारी करने के बाद कहा कि इस व्यवस्था को सुधारने के लिए रणनीति बनाकर काम किया जाएगा। उन्होंने आगे सरकारी विद्यालयों में कम एडमिशन होने का कारण बताया। उन्होंने कहा नामांकन कम या ना होने का यह अर्थ नहीं है कि वहां शैक्षणिक सुविधाओं की कमी है। पेरेंट्स को लगता है प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा अच्छी मिलती है इसलिए वह सरकारी स्कूल की जगह प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चों को भेज देते है। उन्होंने पेरेंट्स को हिदायत दी कि सरकारी स्कूल में दी जानी वाली शिक्षा की गुणवत्ता प्राइवेट स्कूलो से अच्छी है। इसलिए उन्हें अपने बच्चों को सरकारी स्कूल भेजना चाहिए।