rkmp to NZM special train diwali 2025: दीपावली पर ट्रेनों में भीड़ के चलते रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें चला दी हैं। भोपाल से विदिशा, बीना, झांसी, ग्वालियर, आगरा, मथुरा और दिल्ली जाने वाले यात्रियों को आसानी से रिजर्वेशन मिल सकता है।
rkmp to NZM special train diwali 2025: त्योहारों के चलते यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे ने दीपावली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। अब भोपाल से जबलपुर जाने वालों को टिकट की टेंशन नहीं होगी। जबलपुर रूट पर अतिरिक्त कोच की सुविधा देकर यात्रियों के सफर को और आसान बना दिया है।
दीपावली पर ट्रेनों में भीड़ के चलते सुविधाएं बढ़ाई हैं। भोपाल से जबलपुर जाने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष कोच जोड़कर वेटिंग क्लीयर करने की कोशिश की गई है। आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर इस ट्रेन की बुकिंग शुरू कर दी गई है। इससे पहले, 17 और 18 को रेलवे ने रानी कमलापति (RKMP) से हजरत निजामुद्दीन (NZM) के बीच स्पेशल ट्रेन चलाई। 18 को दिल्ली से चली ट्रेन का फेरा रविवार को खत्म हो गया। इसके अलावा भी कुछ स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं जो अन्य राज्यों से आ रही है और दिल्ली जा रही है। जिसके जरिए भी यात्री अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं।
दीपावली के त्योहार पर रेलवे ने भोपाल से जबलपुर जाने वाले लोगों को राहत दी है। रेल प्रशासन द्वारा रानी कमलापति-मदनमहल (12061) में एक अतिरिक्त चेयरकार कोच और रानी कमलापति-आधारताल एक्सप्रेस (22187) में 1 अतिरिक्त सामान्य श्रेणी कोच अस्थायी रूप से जोड़े जा रहे हैं।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि 17 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक रानी कमलापति-मदनमहल और रानी कमलापति-आधारताल एक्सप्रेस 1 अतिरिक्त कोच के साथ संचालित होगी, जिससे अधिक यात्रियों को आरक्षण की सुविधा मिल सकेगी।
भोपाल से दिल्ली, इंदौर, जबलपुर, रीवा, नागपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस भोपाल आते ही 15 मिनट में दोबारा सफर के लिए तैयार हो जाएगी। हबीबगंज नाका पर बन रहे वॉशिंग एप्रॉन का काम लगभग पूरा हो गया है। इसके अलावा बड़ी खराबी को दूर करने के लिए निशातपुरा में मेंटनेंस हब बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।
सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने बताया कि निशातपुरा हब बनने से यह पूरी प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर, तेज और आसान हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट का पहला चरण लगभग 113 करोड़ रुपए में पूरा होगा। पूरे प्रोजेक्ट के तीन चरणों में 3 से 4 साल का समय लग सकता है। हब बनने के बाद देश की सबसे तेज और आधुनिक वंदे भारत ट्रेनों का नियमित मेंटेनेंस स्थानीय स्तर पर किया जाएगा।