भोपाल

बैग के बोझ से बच्चों की रीढ़ पर पड़ रहा असर, चलने में आ रही दिक्कत, एक्सपर्ट ने किया अलर्ट

ncert guideline violation: स्कूल बैग के बढ़ते वजन (school bag weight) ने बच्चों की चाल बिगाड़ी, रीढ़ की हड्डी तक पहुंचा असर। एनसीईआरटी की गाइडलाइन का पालन नहीं, अभिभावक परेशान, अधिकारी जागे। (mp news)

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Jul 06, 2025
school bag weight spine problem ncert guideline violation (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

mp news: भोपाल शहर में कक्षा 10वीं के एक छात्र के चलने के तरीके में अभिभावकों ने बदलाव देखा। जब उसे फिटनेस सेंटर ले गए तो पता चला कि रीढ़ की हड्डी में समस्या है। एक और मामला एक छात्रा से जुड़ा है। बदलाव का पता लगा तो छात्रा ने स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग शुरू कर दी। शहर में ऐसे सैकड़ों मामले हैं।

भोपाल में 150 सीबीएसई स्कूल हैं। करीब दो लाख बच्चे इनमें दर्ज हैं। 50 प्रतिशत स्कूलों में बस्तों के अधिक वजन की शिकायत हुई है। यह शिकायत एनसीईआरटी की गाइडलाइन (ncert guideline violation) के आधार पर की गई। 6वीं कक्षा तक 4 किलो से ज्यादा वजन नहीं हो सकता है। इसके बाद भी दोगुना वजन की किताबें बच्चे लेकर स्कूल जा रहे हैं। (school bag weight)

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पैर फैले, सीधे चलने में हो रही दिक्कत

मिस्टर एशिया और खिलाड़ियों के फिटनेस ट्रेनर अभिषेक बघेल ने बताया फिटनेस ट्रेनिंग के लिए आए खिलाड़ियों में चलने की समस्या देखी गई। वे पैर फैलाकर चलते है और रीढ़ की हड्डी में भी समस्या (spine problem) है। फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. अनंत ने बताया कि अभिभावक शिकायत लेकर आते हैं। बच्चों की पर्सनालिटी से जुड़ा होने के कारण कई लोग इसे दर्ज कराना पसंद नहीं करते। समस्या बढ़ रही है।

जिला शिक्षा अधिकारी नरेन्द्र अहिरवार ने कहा कि स्कूलों में हर कक्षा में बस्ते के वजन के मापदंड हैं। जांच के लिए कमेटी बनी है। विजिट शुरू कराई जा रही है। निरीक्षण भी होगा।

किस क्लास के बच्चों पर कितना बोझ

पहली से पांचवीं कक्षा तक- एक से ढाई किलो तक
6वीं से 8वीं कक्षा तक- ढाई से तीन किलो तक
9वीं से 12वीं कक्षा तक- ढाई से चार किलो तक

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Published on:
06 Jul 2025 09:51 am
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