Jyotiraditya Scindia - एमपी का ऐतिहासिक शहर ग्वालियर दुरावस्था का शिकार हो गया है। विकास के मामले में प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में शहर लगातार पिछड़ता जा रहा है वहीं मूलभूत सुविधाओं के लिए भी यहां के लोग तरस रहे हैं।
Jyotiraditya Scindia - एमपी का ऐतिहासिक शहर ग्वालियर दुरावस्था का शिकार हो गया है। विकास के मामले में प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में शहर लगातार पिछड़ता जा रहा है वहीं मूलभूत सुविधाओं के लिए भी यहां के लोग तरस रहे हैं। शहर की सड़कें बदहाल हो चुकी हैं, सीवर उफन रहे हैं, जगह जगह गंदगी पसरी है और कचरे के ढेर लगे हैं। ग्वालियर की इस दुर्दशा को दूर करने में अधिकारी जरा रुचि नहीं ले रहे, यहां तक कि मंत्रियों तक की नहीं सुन रहे। अब राज्य के दो मंत्रियों ने सीएम मोहन यादव से इसकी शिकायत की है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सीएम के समक्ष अपना दर्द व्यक्त करते हुए बताया कि अधिकारी सरासर हमारी अनदेखी कर रहे हैं। इस मामले पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी बीजेपी और राज्य सरकार पर तंज कसा है।
मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर और तुलसीराम सिलावट केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे करीबियों में शामिल हैं। दोनों मंत्रियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री से बातचीत में कहा कि ग्वालियर नरक जैसा बना दिया गया है पर अफसर सुनते ही नहीं हैं।
सिंधिया समर्थक मंत्रियों प्रद्युम्नसिंह तोमर और तुलसीराम सिलावट ने ग्वालियर नगर निगम के कमिश्नर और कलेक्टर की सीएम मोहन यादव से शिकायत की। दोनों मंत्रियों को सीएम ने उचित कदम उठाने का भरोसा दिया।
प्रदेश के दो मंत्रियों द्वारा ग्वालियर की दुरावस्था का मुद्दा उठाने पर कांग्रेस भी मुखर हो गई है। पार्टी नेताओं का कहना है कि बीजेपी, कांग्रेस की महापौर शोभा सिकरवार की छवि धूमिल करने के लिए ऐसे आरोप लगा रही है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि बीजेपी ने द्वेषवश यह काम किया है।
बता दें कि ग्वालियर की दुर्दशा पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर कई बार सार्वजनिक रूप से अपनी पीड़ा जाहिर कर चुके हैं। मार्च माह में तो उन्होंने विकास के मामले में शहर के लगातार पिछड़ने पर दुख जताते हुए इसके लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल के गेट के सामने बैठने का ऐलान कर दिया था। उनका यह बयान बेहद चर्चित हुआ था। खास बात यह है कि उस समय केंद्रीय मंत्री सिंधिया भी मौजूद थे।
ग्वालियर में विजयाराजे सिंधिया कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एमपी के गठन के समय ग्वालियर के वर्चस्व का बखान करते हुए इस बात पर चिंता जताई कि अब यह शहर कई मामलों में पिछड़ रहा है। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से ग्वालियर का गौरव फिर से लौटाने की गुहार लगाई थी।
मंच से महाविद्यालय की छात्राओं को संबोधित करते हुए मंत्री तोमर ने प्रदेश के विकास में ग्वालियर की अहमियत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि देश में आज मेट्रो चल रही है लेकिन ग्वालियर में 1950 में भी मेट्रो ट्रेन चलती थी। मध्यप्रदेश के गठन से पहले जब मध्य भारत हुआ करता था तब ग्वालियर सबसे बड़ा औद्योगिक शहर था। भोपाल, जबलपुर, इंदौर आदि महानगरों से ग्वालियर आगे था।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भावुक होते हुए कहा कि अब ग्वालियर पिछड़ता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि जो दर्द आपके अंदर है, वह छिपा नहीं है… आपके परिवार ने ग्वालियर को आगे ले जाने के लिए सब कुछ किया। अब आपको शहर की चिंता करनी होगी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि वे ग्वालियर चंबल संभाग के विकास के लिए एमपी के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री से मिलकर बात करें।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर खासतौर पर मुखातिब होते हुए बोले थे कि महाराज आपसे निवेदन और विनती है… कुछ मजबूरी होगी लेकिन आपको ग्वालियर के लिए आगे आना पड़ेगा… नहीं तो भविष्य में मुझे महल के दरवाजे पर बैठना पड़ेगा…
इस बयान के बाद जुलाई में भी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एक बार फिर ग्वालियर की गंदगी को लेकर उखड़ गए। शहर के वार्ड नंबर-16 में नालियों की गंदगी और जलभराव की शिकायतों पर वे बिना किसी पूर्व सूचना के मौके पर पहुंच गए। मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने खुद ही फावड़ा उठाकर नाली की सफाई कर डाली। बाद में अधिकारियों को फटकार लगाई।