MP News: तहसील कार्यालयों में न कोर्ट लगी न किसी ने प्रोटोकॉल जैसे गैर न्यायिक काम किए। तहसीलदार गैर न्यायिक के साथ न्यायिक यानि कोर्ट का काम भी चाहते हैं। इसलिए ही ये हड़ताल की जा रही है।
MP News: राजधानी भोपाल में तहसीलदारों(Tehsildar) की हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। सभी जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और यहीं उपस्थिति दी। तहसील कार्यालयों में न कोर्ट लगी न किसी ने प्रोटोकॉल जैसे गैर न्यायिक काम किए। तहसीलदार गैर न्यायिक के साथ न्यायिक यानि कोर्ट का काम भी चाहते हैं। इसलिए ही ये हड़ताल की जा रही है।
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● तहसीलदारों के कार्य विभाजन को लेकर विवाद चल रहा है। न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों को अलग-अलग किया गया। जबलपुर से शुरू हुई व्यवस्था अब सभी जिलों में भी लागू है।
● पहले, एक ही तहसीलदार प्रशासनिक और न्यायिक दोनों तरह के काम देखता था। इस नए विभाजन से एक तहसीलदार केवल न्यायिक मामलों (जैसे भूमि विवाद) की सुनवाई करेगा, जबकि दूसरा तहसीलदार प्रशासनिक कार्यों (जैसे राजस्व वसूली, प्रमाण पत्र जारी करना) को संभालेगा।
● इस बदलाव का उद्देश्य राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों का तेजी से निपटारा करना है। जब एक अधिकारी केवल कोर्ट का काम देखेगा, तो वह मामलों की सुनवाई और आदेश जारी करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर पाएगा।
● तहसीलदार हर्ष विक्रमसिंह का मानना है कि यह नीति अव्यावहारिक है। जमीन से जुड़े मामलों को पूरी तरह से न्यायिक और गैर-न्यायिक श्रेणियों में बांटना संभव नहीं है, क्योंकि दोनों कार्य आपस में जुड़े होते हैं। फील्ड पर काम करते समय भी कई बार न्यायिक निर्णय लेने पड़ते हैं, और कोर्ट में बैठे तहसीलदार को भी प्रशासनिक जानकारी की आवश्यकता होती है।
● तहसीलदार अतुल शर्मा का कहना है कि यह विभाजन आम जनता के लिए भी मुश्किलें पैदा करेगा। एक ही काम के लिए उन्हें अलग-अलग अधिकारियों से संपर्क करना पड़ेगा, जिससे काम में देरी हो सकती है।