MP Farmer Award : राज्य में एक बीघा से एक लाख रुपए की आमदनी करने वाले किसानों को 'लखपति किसान' सम्मान दिया जाएगा।, सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसकी घोषणा कर दी है।
MP Farmer Award :मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सूबे के हजारों किसानों के लिए बड़ी घोषणा कर दी है। सीएम ने कहा कि, जिस तरह लखपति दीदी की तरह लखपति बीघा का लक्ष्य निर्धारित करते हुए एक बीघा से एक लाख रूपए की कमाई करने वाले किसानों को सम्मानित किया जाए। किसानों को बिचौलियों से बचाने और उन्हें बाजार में अपनी उपज का सीधा लाभ दिलाने के लिए जरूरी व्यवस्था हो।
प्रदेश में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने और अद्यतन तकनीक का इस्तेमाल कर बेहतर उपज लेने के लिए ग्राम स्तर पर सघन गतिविधियां संचालित हो। हर संभाग की नर्सरियों को आदर्श रूप में विकसित किया जाए। नरवाई प्रबंधन के लिए 3 साल की कार्ययोजना बनाई जाए। साथ ही, किसानों तक उर्वरक की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अद्यतन तकनीक का उपयोग करते हुए कार्ययोजना बनाई जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंसाना, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
आपको बता दें कि, बैठक में विभाग की दो साल की उपलब्धियों और नवाचारों को पेश किया गया और आगामी 3 साल की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। बैठक में बताया गया कि-
-प्रदेश दालो, तिलहन और मक्का उत्पादन में देश में पहले तथा खाद्यान्न, अनाज एवं गेहूं उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है।
-उर्वरक वितरण के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 38.10 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 21.41 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी + एन.पी.के. वितरित किया गया। वर्ष 2025-26 में 29.77 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 30 नवम्बर तक 19.42 मीट्रिक टन डी.ए.पी + एन.पी.के. का वितरण हुआ।
-पीएम फसल बीमा में वर्ष 2023-24 में 1 करोड़ 77 लाख बीमित कृषकों को 961.68 करोड़ रूपए और वर्ष 2024-25 में 1 करोड़ 79 लाख बीमित कृषकों को 1275.86 करोड़ रूपए के दावे का भुगतान किया गया।
-सीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 4,687 करोड़ रूपए, वर्ष 2024-25 में 4,849 करोड़ रूपए और वर्ष 2025-26 में 3,374 करोड़ की सहायता राशि वितरित की गई।
-प्रदेश की सभी 259 मंडियों में ई-मंडी योजना लागू हो चुकी है। इस उपलब्धि के लिए स्कॉच गोल्ड अवार्ड भी प्राप्त हुआ।
-मंडी बोर्ड द्वारा एमपी फार्म गेट ऐप से किसान अपने दाम पर, अपने घर, अपने खलिहान और गोदामा से अपनी कृषि उपज बेचने में सक्षम हुआ। इस नवाचार को स्कॉच सिल्वर अवार्ड प्राप्त हुआ।
-पराली प्रबंधन के तहत साल 2023-24 में 1312, साल 2024-25 में 1757 और साल 2025-26 में 2479 नरवाई कृषि यंत्र वितरित किए गए।
-कृषि यंत्रीकरण के अंतर्गत भोपाल और इंदौर में ड्रोन पायलट स्कूल आरंभ हुए।
-ई-विकास पोर्टल से उर्वरक वितरण का पायलट प्रोजेक्ट विदिशा, शाजापुर और जबलपुर में क्रियान्वित किया गया। इसे सम्पूर्ण प्रदेश में लागू करने की योजना है।
-प्रदेश के सभी 363 नगरपालिका, नगर पंचायतों में साप्ताहिक जैविक/प्राकृतिक हाट बाजार लगाए जाएंगे।
-पर ड्रॉप मोर क्रॉप – दबाव सिंचाई प्रणाली के तहत वर्ष 2025-26 में 25 हजार, वर्ष 2026-27 में एक लाख और वर्ष 2027-28 में दो लाख हेक्टेयर का लक्ष्य है।
-नरवाई (पराली) प्रबंधन के अंतर्गत पराली जलाने की घटनाओं में वर्ष 2027-28 तक 80 प्रतिशत तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा है।आगामी दो वर्षों में सभी मंडियों का हाईटेक बनाया जाएगा।
-तिलहन, दलहन फसलों में आत्मनिर्भरता के लिए क्षेत्र विस्तार का लक्ष्य रखा गया है।
-कृषि में अनुसंधान कार्ययोजनाओं को प्रोत्साहन देते हुए प्रयोगशाला से खेत की दूरी को कम किया जाएगा।
-बैठक में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की समीक्षा के दौरान हाईटेक नर्सरी, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, कृषकों और उद्यमियों की क्षमता संवर्धन के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों के संबंध में जानकारी दी गई।