भोपाल

बार-बार भोपाल में घूमते दिख रहे बाघ, अब NLIU में दिखा, अपना घर छोड़ सड़कों पर क्यों आ रहे Tiger

Tigers in bhopal: राजधानी भोपाल में जंगलों की सीमाएं लांघ शहर में लगातार दिख रहे बाघ, ताजा मामला नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट यूनिवर्सिटी का, यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने वीडीयो शेयर किया, आखिर क्या संकेत देता है कभी सड़कों तो कभी यूनिवर्सिटी में बाघों का आना...

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Aug 11, 2025
Tiger in Bhopal(फोटो सोर्स: एक्स)

Tiger in Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इन दिनों टाइगर की मौजूदगी की खबर वायरल है। पिछले कुछ हफ्तों में लगातार कई बार शहर में बाघ घूमता नजर आया है। कभी कलियासोत डैम के पास तो कभी नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट यूनिवर्सिटी में तो कभी JLU और कभी MANIT जैसे क्षेत्र में इन्हें देखा जा रहा है। लोग दहशत में हैं और वन विभाग सतर्क हो गया है। ताजा उदाहरण है NLIU का जहां देर रात एब बाघ मूवमेंट करता नजर आया। यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार रोहित शर्मा ने इसकी पुष्टि भी की है।

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ताजा मामलों के वीडियो हुए वायरल

बता दें कि इससे पहले शनिवार-रविवार की दरमियानी रात एक बाघ भोपाल के कलियासोत डैम के 11वें शटर के पास सड़क किनारे खड़ा देखा गया था। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में शांत खड़ा बाघ धीरे-धीरे झाड़ियों के अंदर लौटता नजर आया। इसके अगले ही दिन रविवार देर रात NLIU के मुख्य दरवाजे के बाहर एक टाइगर देखा गया। इसका वीडियो खुद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने बनाया और शेयर भी किया।

पहले भी सामने आ चुके हैं कई मामले


भोपाल के जंगलों से निकल कर बाघ के शहर में आने के ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। भोपाल और उसके आसपास का इलाका लंबे समय से टाइगर मूवमेंट का हिस्सा रहा है। कलियासोत डैम और आसपास के जंगल बाघों को पानी, कवर और शिकार की सुविधा देते हैं। विभाग ने चेतावनी जारी कर लोगों से रात के समय इन इलाकों में बेवजह न निकलने की चेतावनी भी दी है। विभाग बार-बार अपील करता है लोग सतर्क रहें और रात में यहां आवाजाही न करें। अब NLIU प्रशासन ने भी कैंपस में सुरक्षा बढ़ा दी है। यूनिवर्सिटी के गार्ड सतर्क हो गए हैं।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

बाघों के शहर की सड़क पर आने को लेकर लोगों के बीच दहशत भी है और रोमांच भी। लेकिन ज्यादातर लोगों को अपने परिवार और बच्चों को लेकर चिंता सताने लगी है। रातमें इन इलाकों के आसपास रहने वाले लोग ज्यादा सतर्क नजर आ रहे हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर टाइगर मूवमेंट लगातार बढ़ता जा रहा है, तो शहर और जंगल के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इनमें ज्यादा कैमरा ट्रैप और निगरानी, चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा बैरियर, स्थानीय समुदायों और लोगों में जागरुकता अभियान चलाने चाहिए। टाइगर कॉरिडोर की सुरक्षा और पुनर्स्थापना पर ध्यान देना होगा। भोपाल का ये हालिया अनुभव साफ करता है कि शहर और जंगल का मेल अब पहले से और ज्यादा जटिल हो गया है। यह इंसानों और बाघों, दोनों के लिए चुनौती है, जिसे समय रहते संभालना होगा।

अपना घर छोड़ बाघों का शहर में आना आखिर किस बात का संकेत?

1- जंगल और वाइल्डलाइफ कॉरिडोर पर बढ़ता दबाव

जब बाघ लगातार आबादी वाले क्षेत्रों में दिखने लगे तो इसका साफ अर्थ है कि उनके प्राकृतिक घर उनके कॉरिडोर टूट या सिकुड़ रहे हैं। शहरीकरण सड़कें, खेती और निर्माण कार्य इनके लिए बाधा बन रहे हैं।

2. पर्यावरण असंतुलन का संकेत

बाघों का इस तरह अक्सर अपना घर छोड़कर यूं बाहर आना इशारा करता है कि जंगलों में पानी, शिकार और सुरक्षित आवास की कमी है। यह इशारा करता है कि हमारे जंगलों की सेहत खराब हो रही है। वहां के इकोसिस्टम पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

3. मानव और वन्यजीवों के टकराव का खतरा बढ़ा

बाघों का इस तरह अपने प्राकृतिक आवास छोड़कर शहर में भटकना बताता है कि जितना ज्यादा बाघ शहरी बस्तियों में आएंगे, मानव और वन्यजीवों के टकराव की स्थिति बनने का खतरा बढ़ गया है। आए दिन दुर्घनटनाओं के मामले सामने आ सकते हैं। बाघ मवेशियों और इंसानों पर हमला कर सकते हैं। उन्हें अपना शिकार बना सकते हैं।

4. संरक्षम नीति में सुधार का संकेत

अपने सुरक्षित जंगलों को छोड़कर शहर में बार-बार बाघ का दिखना दर्शाता है कि वन्य जीवों के लिए अकेले जंगलों को सुरक्षित करना काफी नहीं, बल्कि हमें उनके कॉरिडोर, पानी के स्त्रोत और शिकार की उपलब्धता को भी सुरक्षित करना होगा।

5. बदलता मौसम और जलवायु का असर भी

कुछ मामलों में देखा गया है कि लंबे सूखे या असामान्य मौसम भी बाघों को उनके पारंपरिक घर से बाहर ले आता है। ये जलवायु परिवर्तन के असर का संकेत भी हो सकता है।

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Published on:
11 Aug 2025 04:29 pm
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