Water Tax- मध्यप्रदेश के शहरों में करों में बढ़ोतरी होगी। अब नगरीय निकाय एक साल में 25 प्रतिशत तक जलकर बढ़ा सकेंगे।
Water Tax- मध्यप्रदेश के शहरों में करों में बढ़ोतरी होगी। अब नगरीय निकाय एक साल में 25 प्रतिशत तक जलकर बढ़ा सकेंगे। निकायों का राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। जल प्रभार सहित कचरा कलेक्शन और अन्य सेवाओं के शुल्कों में भी बढ़ोतरी होगी। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मध्यप्रदेश नगर पालिका जल प्रदाय, मलजल तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं के लिए प्रभार नियम 2020 में संशोधन कर दिया है। इसका गजट नोटिफिकेशन भी करा दिया गया है। हालांकि नगरीय निकाय शुल्क में मनमानी बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे। शुल्क वे ही निकाय बढ़ा सकेंगे जहां जल सहित अन्य प्रभार में पिछले पांच साल से बढ़ोतरी नहीं हुई है।
प्रदेश के नगरीय निकायों में शासन ने अब सभी निकायों को इस शुल्क में साल में अधिकतम 25 फीसदी तक बढ़ोतरी की शक्तियां दी हैं। वे हर साल कुछ बढ़ोतरी कर सकेंगे।
संशोधन में कहा गया है कि ऐसे नगरीय निकाय जहां विगत 5 वर्षों या उससे अधिक से जल उपभोक्ता प्रभार सहित अन्य उपभोक्ता प्रभार की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, वहां वे उपभोक्ता प्रभार की प्रचलित दरों में किसी वित्तीय वर्ष में अधिकतम 25 प्रतिशत तक की वृद्धि करने में समर्थ होंगे। इससे नगरीय निकाय अपने स्तर पर जल और अन्य प्रभार में बढ़ोतरी कर सकेंगे।
अभी तक नगरीय निकायों में प्रशासन की तरफ से कई बार जल सहित अन्य उपभोक्ता प्रभार को बढ़ाने के प्रस्ताव लाए जाते हैं लेकिन यह परिषद की बैठक में पारित नहीं हो पाते। इसका सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों विरोध करते हैं। चुने गए जनप्रतिनिधि वोटर्स को लुभाने के लिए ऐसा करते हैं। उन्हें लगता है कि करों में बढ़ोत्तरी कर देने से चुनाव में वोट नहीं मिलेंगे।
जानकारों का कहना है कि अधिकांश नगरीय निकायों में जल प्रदाय सहित अन्य सेवाओं की गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। यदि अच्छी सेवाओं के बिना शुल्क बढ़ाया जाएगा तो नागरिक इसका विरोध करेंगे। यदि अच्छी और नियमित सेवाएं मिलें तो नागरिक खुशी खुशी बढ़ा हुआ शुल्क दे सकते हैं।