Cough Syrup Case : कफ सिरप से मौतों के लगातार बढ़ते आंकड़ों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की इसमें एंट्री हो गई है। यानी ये मामला अब राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय तूल पकड़ चुका है।
Cough Syrup Case :मध्य प्रदेश के विशेषकर छिंदवाड़ा और बैतूल में 'जहरीली कफ सिरप' से हुई 21 मासूम मौतों का सनसनीखेज मामला राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय तूल पकड़ चुका है। इस बेहद गंभीर मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एंट्री हो चुकी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए भारतीय अथॉरिटी से सवाल किया है कि, जिन-जिन कफ सिरप को पीने से बच्चों की मौत हो रही है, क्या उस कफ सिरप को दूसरे देशों में भी भेजा गया है?
कफ सिरप पीकर अबतक 21 बच्चे अपनी जान गवा चुके हैं, जिससे देशभर में हड़कंप में मचा हुआ है। आखिर कफ सिरप मासूम बच्चों के लिए कितनी सुरक्षित हैं, इसे लेकर भी चर्चा जारी है। इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इस मामले मेंरतीय अथॉरिटीज से पूछा है कि जिन कफ सिरप को पीने से ऐसी घटनाएं हुई हैं, क्या उन्हें दूसरे देशों में भी भेजा गया है? डब्ल्यूएचओ ने ये सवाल उस समय किया, जब कफ सिरप कोल्ड्रिफ को लेकर हर जानकार की ओर से चिंता जताई जा रही है। क्योंकि, सिरप की जांच में पता चला है कि, इसमें Diethylene Glycol यानी DG अधिक मिल है। साथ ही, Ethylene Glycol यानी EG भी अधिक पाई गई है।
भारतीय अथॉरिटीज से जवाब मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ग्लोबल मेडिकल प्रोडक्ट्स अलर्ट जारी करने को लेकर फैसला लेगा। वैश्विक संस्था की ओर से उन उत्पादों के लिए ऐसे अलर्ट जारी किए जाते हैं, जिसमें कोई खामी निकले और सेवन से खतरा हो। हालिया अपडेट के अनुसार, मध्य प्रदेश में सिरप पीने से 21 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि अब भी 5 गंभीर हालत में नागपुर में भर्ती हैं। इसके अलावा राजस्थान के भी अलग-अलग जिलों से तीन मौतों की खबर सामने आई है। सूत्रों की मानें तो डब्ल्यूएचओ ने पूछा कि, क्या ऐसी सिरप को दूसरे देशों को भी बेचा गया है। अगर ऐसा हुआ है तो संबंधित देशों को एडवाइजरी जारी की जाएगी।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र का ये सवाल रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है। इस बीच भारत के ड्रग्स कंट्रोलर ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र के जरिए आदेश दिया कि, किसी भी फार्मा उत्पाद को बाजार में भेजने से पहले पर्याप्त चेकिंग करें। एजेंसी ने ये भी कहा कि, कुछ जगहों पर निरीक्षण में कमी पाई गई है। एजेंसी द्वारा सभी उत्पादकों से कहा गया है कि हर बैच की पर्याप्त जांच की जाए और उसके बाद ही मार्केट में बिक्री के लिए भेजा जाए। इस मामले में फार्मा कंपनी के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। मध्य प्रदेश में मौतों के सबसे ज्यादा 19 मामले छिंदवाड़ा जिले से सामने आए हैं।