Bhopal AIIMS : भोपाल एम्स के चिकित्सकों ने एक बार फिर अपनी योग्यता का बड़ा उदाहरण पेश किया है। इसी के दम पर वो एक शख्स को मौत के मुंह से निकाल लाए हैं।
Bhopal AIIMS : मध्य प्रदेश की राजधानी में स्थित भोपाल एम्स के चिकित्सकों ने एक बार फिर अपनी योग्यता का बड़ा उदाहरण पेश करते हुए एक शख्स को मौत के मुंह से खींच लाए हैं। बता दें कि, राज्य के हरदा जिले के निवासी मजदूरी करने वाले 23 वर्षीय युवक को सीने पर जानलेवा चोट आई थी। बताया जा रहा है कि, श्रमिक एक निर्माण स्थल की पहली मंजिल से नीचे गिर गया था। गंभीर बात ये है कि, मजदूर जहां गिरा, वहं पहले से ही नीचे फावड़ा रखा था। ऐसे में फावड़े का हैंडल उसके सीने में दाहिने तरफ जा घुसा। इस घटना के बाद जिस किसी ने भी युवक को देखा, वो मान बैठा था कि, मजदूर अब बच नहीं पाएगा।
गुरुवार रात करीब 11 बजे आनन-फानन में उसे भोपाल एम्स लाया गया। जहां डॉक्टरों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल संबंधित डॉक्टरों की टीम गठित की और एक जटिल ऑपरेशन शुरु किया। करीब 90 मिनट की जद्दोजहद के बाद युवक के सीने में फंसी फावड़े के हथुए को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया। फिलहाल, मरीज की हालत स्थिर होने लगी है। मरीज के होश में आने के बाद घायल मजदूर ने इलाज में शामिल सभी डॉक्टरों को धन्यवाद कहा है।
ये सनसनीखेज घटना एक निर्माणाधीन इमारत पर हुई। यहां एक श्रमिक इमारत की पहली मंजिल से नीचे गिर गया। गंभीर बात ये रही कि, नीचे गिरा मजदूर वहां रखे फावड़े पर जा गिरा। फावड़े का नुकीला धातु का हैंडल उसके सीने के दाहिने तरफ काफी गहराई में घुस गया। गुरुवार रात 11 बजे के आसपास उसे एम्स भोपाल के ट्रॉमा और इमरजेंसी विभाग में लाया गया। जहां उसे सांस लेने में काफी मुश्किल हो रही थी।
यहां युवककी की चोट की गंभीरता से लेते हुए चिकितसकों की एक टीम गठित की गई और तुरंत ही ऑपरेशन शुरु किया गया। ये जटिल सर्जरी 90 मिनट चली। इसका नेतृत्व ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित प्रियदर्शी ने किया। उन्हें डॉ. सौरभ त्रिवेदी, डॉ. विक्रम वट्टी, डॉ. अभय, डॉ. अक्षय, डॉ. नितिन और डॉ. संकल्प का पूरा सहयोग मिला। नर्सिंग टीम में मोनू, जरीना और सोनू शामिल थे, जिन्होंने मनोज मीना के नेतृत्व में महत्वपूर्ण सहायता दी। ऑपरेशन ट्रॉमा और इमरजेंसी विभाग के प्रमुख डॉ. यूनुस के मार्गदर्शन में किया गया। एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक डॉ. माधवानंद कर ने इसकी निगरानी की।
फिलहाल, मरीज की हालत अब खतरे से बाहर है। उसने सुधार की तरफ तेजी से रिकवरी करनी शुरु कर दी है। यही नहीं अब वो बात भी कर पा रहा है। उसने अपनी जान बचाने के लिए डॉक्टरों के साथ साथ एम्स की पूरी टीम को 'थैंक यू' कहकर आभार व्यक्त किया।