
युवक को मौत के मुंह से छुड़ा लाए इंदौर एमवाय के डॉक्टर (Photo Source- Patrika Input)
MY Hospital : हालही में चूहा कांड से चर्चा में आए मध्य प्रदेश के आर्थिक शहर इंदौर के सबसे बड़े सरकारी एमवाय अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बार फिर अपनी योग्यता का लोहा देशभर में मनवा दिया है। अस्पताल के चिकित्सकों की टीम उस शख्स को मौत के मुंह से छुड़ा कर ले आई, जिसे देखने वाला कोई भी उसके बचने की उम्मीद नहीं कर रहा था। युवक निर्माणकार्यों में मजदूरी का काम करता है। हादसे के दौरान वो 12 एमएम के सरियों पर गिर गया, जो उसके शरीर के आर-पार हो गए। उसे इंदौर के एमवाय अ्पताल लाया गया। जहां के डॉक्टरों ने 5 घंटे के जटिल ऑपरेशन के बाद युवक की जिंदगी बचाने में बड़ी सफलता हासिल कर ली।
आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में रहने वाले 25 वर्षीय नितेश जायसवाल बीते चार वर्षों से इंदौर में रहकर सेंटिंग का काम करते हैं, 20 सितंबर को एक हादसे का शिकार हो गए। यहां वो निर्माण कार्य के दौरान इमारत की दूसरी मंजिल से नीचे गिर गए। हादसा उस समय और भी भीषण तब हो गया, जब नितेश ग्राउंड फ्लोर पर बन रहे सेप्टिक टैंक में 12 एमएम मोटी लोहे के सरियों पर जा गिरे। हादसे में लोहे के तीन सरिए नितेश के शरीर को भेदते हुए आर-पार निकल गए। दो सरिए पेट और जांघ के आर-पार हो गया।
लेकिन, सभी धर्मों की मान्यताओं के अनुसार, इंसान को जितना जीवन दिया हो, वो उतना ही जीकर जाता है, न कि एक पल ज्यादा और न एक पल कम। हादसे के बाद भी नितेश का जीवन बाकी था। यही कारण रहा कि, पहला कारनामा निर्माण स्थल पर उन लोगों का जिन्होंने सावधानी पूर्वक लोहे के उन सरियों को रस्सी से सहारा देकर काटा जो नितेश के शरीर के आर-पार हो गए थे। इसके बाद परिजन उसे 108 एंबुलेंस की मदद से एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां युवक की हालत देखकर एक्टिव हुई डॉक्टरों की टीम ने जांच के बाद तुरंत आपातकालीन सर्जरी करने का फैसला लिया।
जनरल सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुदर्शन ओडिया और उनकी टीम ने करीब 5 घंटे तक चले ऑपरेशन में एक-एक कर सभी सरिए सावधानीपूर्वक निकाले। इस दौरान पेट से जमा एक लीटर से अधिक रक्त भी निकाला गया। सरियों के कारण बड़ी और छोटी आंतों क साथ-साथ मांसपेशियों के साथ साथ शरीर के अगले और पिछले हिस्से में तीन-तीन जगह छेद हो गए थे, जिन्हें सावधानीपूर्वक सिल दिया गया था, जो आज की कंडीशन में बहुत अच्छी स्थिति में हैं। साथ ही, रीढ़ और कूल्हे की हड्डी में आए फ्रैक्चर का भी इलाज किया गया है।
ICU से जनरल वार्ड तक की यात्रा
तुरंत बड़ा जटिल और पांच घंटे लंबा ऑपरेशन करने के बाद नितेश को 24 घंटे कड़ी निगरानी में आईसीयू में रखा गया। पांच दिन बाद उनकी हालत में सुधार देखा गया। इसपर नितेश को हालही में जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। अस्पताल के चिकित्सकों की मानें तो नितेश के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले दो से तीन दिन में नितेश को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
इस जटिल सर्जरी में जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार शुक्ल, प्रो. डॉ. सुदर्शन ओडिया, असि. प्रो. डॉ. संजय महाजन, डॉ. सतीश वर्मा, डॉ. यश अग्रवाल, डॉ. अभिनय सोनी, डॉ. अर्पित तिवारी और डॉ. ध्रुवसिंह गोहिल शामिल रहे। वहीं, निश्चेतना विभाग से प्रो. डॉ. रश्मि पाल और असि. प्रो. डॉ. रवि बारड़े ने योगदान दिया। हड्डी रोग विभाग से प्रो. डॉ. आनंद अजमेरा और असि. प्रो. डॉ. अभिषेक पाल की टीम का अहम किरदार रहा।
Published on:
27 Sept 2025 11:30 am
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