Naxalites killed 2 villagers: बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र में शुक्रवार की रात नक्सलियों ने एक बार फिर खूनी खेल खेलते हुए दो निर्दोष ग्रामीणों की बेरहमी से हत्या कर दी।
Big Breaking News: बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र में शुक्रवार की रात नक्सलियों ने एक बार फिर खूनी खेल खेलते हुए दो निर्दोष ग्रामीणों की बेरहमी से हत्या कर दी। नक्सलियों ने ग्राम नेलाकांकेर निवासी रवि कटटम (25 वर्ष, पिता कन्ना) और तिरूपति सोढी (38 वर्ष, पिता नरसा) को धारदार हथियार से मौत के घाट उतार दिया। इस घटना से क्षेत्र में दहशत और भय का माहौल फैल गया है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, देर रात हुई इस वारदात की सूचना मिलते ही थाना उसूर पुलिस दल मौके पर रवाना हुआ और घटनास्थल के आसपास के इलाकों में सर्चिंग अभियान तेज कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नक्सलियों ने दोनों ग्रामीणों पर पुलिस मुखबिरी का शक जताते हुए हत्या की है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि नक्सली रात के समय गांव में पहुंचे थे और दोनों ग्रामीणों को घर से बाहर बुलाकर धारदार हथियार से हमला किया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद नक्सली गांव में पर्चे भी छोड़ गए, जिनमें उन्होंने पुलिस विरोधी बातें लिखी हैं और ग्रामीणों को सुरक्षा बलों से दूरी बनाए रखने की चेतावनी दी है।
घटना के बाद से क्षेत्र में भय और सन्नाटा पसरा हुआ है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आसपास के जंगलों में नक्सलियों की तलाश शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि यह वारदात उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा के बीजापुर दौरे के कुछ ही घंटों बाद सामने आई है। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री ने बीजापुर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी और विकास कार्यों की प्रगति पर अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी। उनके लौटते ही नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश की है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है और विशेष बलों को सर्च ऑपरेशन के लिए रवाना किया गया है। डीआरजी और सीएएफ के जवान लगातार जंगलों में कॉम्बिंग अभियान चला रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नक्सलवाद की जड़ें पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं और सुरक्षा एजेंसियों को अब भी ग्रामीण इलाकों में सतर्कता बरतनी होगी।
बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में सरकार द्वारा विकास और सुरक्षा दोनों मोर्चों पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं अब भी चुनौती बनी हुई हैं।