बिजनोर

बदलते मौसम में डेंगू का खतरा बढ़ा, बिजनौर में 80 इलाके संवेदनशील घोषित, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर

Bijnor News: यूपी के बिजनौर में डेंगू का खतरा बढ़ने लगा है। स्वास्थ्य विभाग ने जिले के 80 इलाकों को संवेदनशील घोषित किया है। बारिश और जलभराव के बीच डेंगू लार्वा पनपने का खतरा बढ़ रहा है।

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Sep 01, 2025
बदलते मौसम में डेंगू का खतरा बढ़ा | Image Source - Pixabay

Dengue sensitive areas health department in Bijnor: बदलते मौसम ने एक बार फिर डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने की आशंका को बढ़ा दिया है। लगातार हो रही बारिश और उसके बाद तेज धूप मच्छरों के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर रही है। यही कारण है कि इस बार जिले में डेंगू के लिए 80 मोहल्ले और गांव संवेदनशील घोषित किए गए हैं।

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बरसात और धूप ने बढ़ाई डेंगू की चिंता

बिजनौर जिले में जगह-जगह जलभराव की समस्या गंभीर होती जा रही है। पानी जमने और फिर धूप निकलने से डेंगू का लार्वा तेजी से पनपने लगता है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि डेंगू और मलेरिया का सबसे ज्यादा प्रकोप सितंबर और अक्तूबर माह में देखने को मिलता है। इसी वजह से संवेदनशील इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि लोग समय रहते सतर्क हो सकें।

मरीजों के आंकड़े बताते हैं खतरे की सच्चाई

पिछले वर्षों के आंकड़े इस बीमारी के खतरों को साफ तौर पर दर्शाते हैं। साल 2023 में बिजनौर जिले में 159 डेंगू रोगी मिले थे, जबकि साल 2024 में यह संख्या घटकर 27 रह गई। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश और धूप के बीच संक्रमण फैलने का जोखिम हमेशा ज्यादा होता है।

अक्टूबर में चलेगा संचारी रोग नियंत्रण अभियान

डेंगू से बचाव के लिए मलेरिया विभाग ने व्यापक रणनीति तैयार की है। सहायक मलेरिया अधिकारी आशुतोष सिंह ने बताया कि अक्टूबर महीने में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें मलेरिया विभाग के साथ अन्य विभाग भी शामिल रहेंगे। इसके साथ ही ग्राम प्रधानों को गांवों में एंटी-लार्वा का छिड़काव कराने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि संक्रमण पर रोक लगाई जा सके।

संवेदनशील क्षेत्रों की सूची क्यों बनी लंबी

मलेरिया विभाग के मुताबिक जिले के सभी ब्लॉकों में डेंगू का प्रभाव देखने को मिलता है। इसलिए इस बार 80 मोहल्लों और गांवों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। अधिकारी का कहना है कि इन इलाकों में पहले भी बुखार, मलेरिया और डेंगू के मरीज मिले थे, इसलिए यहां विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

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