बीकानेर

Bikaner : राजस्थान के बीकानेर ने रचा इतिहास, प्रदेश में पहली बार किसी मास्टर प्लान पर आईं इतनी आपत्तियां

Bikaner : राजस्थान के बीकानेर ने रचा इतिहास। प्रदेश में पहली बार किसी मास्टर प्लान पर 37 हजार से ज्यादा आपत्तियां दर्ज की गईं। पूरी स्टोरी पढ़ें बीकानेर गोचर का मुद्दा जन आंदोलन बना।

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बचेगा या उजड़ेगा...यह हरियाली और रास्ता। फोटो : नौशाद अली, ड्रोन सहयोगी उस्मान

Bikaner : राजस्थान में अभी तक किसी मास्टर प्लान पर सर्वाधिक आपत्तियों का रेकॉर्ड स्थानीय निकाय मंत्री झाबर सिंह खर्रा के गृह जिले सीकर के नाम है। सीकर के मास्टर प्लान पर सर्वाधिक 6072 आपत्तियां दर्ज होने पर आपत्ति वाला प्रावधान हटाया गया था। बीकानेर ने इस रेकॉर्ड को तोड़ने के साथ ही ऐसा नया इतिहास बना दिया, जो शायद ही कभी दोहराया जाएगा। यहां बीकानेर विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2023-43 पर अकेले गोचर के मुद्दे पर एक साथ 36 हजार 773 आपत्तियां दर्ज हुई है। साथ ही संगठनों, राजनीतिक दलों और जनप्रतिनियों की आपत्तियां भी दर्ज है। आपत्तियों का कुल आंकड़ा 37 से 40 हजार के बीच रहेगा। गत 25 सितबर तक आपत्तियां लेने के बाद अब 10 दिन से बीडीए में इनकी छंटाई कर डिजिटल रूप में संधारित करने का कार्य चल रहा है।

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आपत्तियों की छंटाई में छूट रहे पसीने

बीडीए में कार्मिकों को एक-एक कर आपत्तियों की छंटाई करने में ही पसीने छूट रहे है। डिजिटल फोर्मेट में दर्ज करने के बाद एक ही मुद्दे से जुड़ी सभी आपत्तियों को एक साथ देखा जा सकेगा। मसलन गोचर अधिग्रहण के खिलाफ दर्ज आपत्तियां अलग हो जाएगी। चकगर्बी को आवासीय से हटाकर औद्योगिक में डालने, रानीबाजार क्षेत्र में कुछ प्रावधानों, वर्तमान में कॉलोनियां बस चुकी जगह पर सड़क व अन्य दर्शाने, पार्कों को आवासीय व अन्य प्रयोजनार्थ, शमशान भूमियों को भी आवासीय व अन्य उपयोग के लिए दर्शाने पर आपत्तियां दर्ज है। खनन क्षेत्र के गड्ढ़ों को पर्यटन उपयोग के लिए आरक्षित किया गया है। इनके खिलाफ भी लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई है।

आज पूरा हो जाएगा आपत्तियों की फीडिंग का कार्य

मास्टर प्लान पर मिली आपत्तियों को एक-एक कर पूरा ब्यौरा एक्सल सीट पर तैयार किया जा रहा है। यह कार्य मंगलवार को पूरा होने की उम्मीद है। आपत्तिकर्ता के नाम सहित ब्यौरा के साथ उसके साथ दिए गए डॉक्यूमेंट को भी देखा जाता है। इसके बाद आपत्तियों के साथ मास्टर प्लान बीडीए बोर्ड के समक्ष अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। बोर्ड की ओर से मास्टर प्लान में आवश्यक संशोधन के बाद इसे अधिसूचित किया जाता है।
पुनीत शर्मा, डायरेक्टर प्लानिंग बीडीए

हकीकत पर पर्दा न डालें

बीडीए प्रशासन गोचर अधिग्रहण के खिलाफ जनता व जनप्रतिनिधियों की भावना सरकार के समक्ष रखे। आंदोलन से जुड़े लोगों ने 500-500 आपत्तियों के बंडल बीडीए सचिव को सौंपे थे। इन 36 हजार 773 आपत्तियों की पावती भी दी हुई है। इसके साथ ही कुछ आपत्तियां संगठनों, राजनीतिक दलों व आम लोगों ने सीधे बीडीए में दी थी। बीडीए गोचर की सभी आपत्तियों को एक ही मानकर वास्तविकता पर पर्दा डालने जैसा प्रयास नहीं करे। राज्य सरकार के पास यह सही जानकारी भेजे कि 37 हजार से अधिक आपत्ति केवल गोचर अधिग्रहण के विरोध में है।
शिव गहलोत, संयोजक ओरण-गोचर संरक्षण संघ राजस्थान

प्रदेश में मास्टर प्लान आपत्तियों का यह इतिहास

1- मौजूदा भाजपा सरकार वर्ष 2024 में 36 व 2025 में 10 शहरों के मास्टर प्लान प्रारूप में बदलाव कर चुकी है।
2- प्रदेश में 45 शहरों के मास्टर प्लान पर 4 हजार, अकेले सीकर शहर के प्लान पर 6 हजार से अधिक आपत्ति दर्ज हुई।
3- पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 3 अक्टूबर 2023 को कोटा मास्टर प्लान 2031 में संशोधन किया था। जो चुनाव से पहले खूब चर्चा में रहा।
4- बीकानेर मास्टर प्लान एक मात्र ऐसा प्रारूप है, जिस पर सत्ताधारी दल के चार विधायक सहित हजारों लोग आपत्ति दर्ज करवा चुके है।

मास्टर प्लान 2043 में गोचर अधिग्रहण का विरोध

1- 26 अगस्त तक बीडीए के मास्टर प्लान 2043 प्रारूप को सार्वजनिक कर आपत्तियां मांगी गई।
2- पैराफेरी के 188 गांवों की ओरण-गोचर व जोडपायतन भूमि, सरेह नथानिया, सुजानदेसर, गंगाशहर और उदयरामसर गोचर भूमि को आवासीय व अन्य उपयोग के लिए अधिग्रहण का विरोध है।
3- 188 गांवों को प्लान में शामिल किया गया है, लेकिन, गांवों की आबादी बसी भूमि को छोड़कर अधिकांश शेष भूमि को पैराफेरी में डाल कर दर्ज की गई है। भविष्य के लिहाज से विस्तृत प्रावधान नहीं है।

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Published on:
07 Oct 2025 02:32 pm
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