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Census Update : जनगणना पर नया अपडेट, पहली बार हर मकान का भी तैयार होगा डिजिटल एड्रेस, जानें और बहुत कुछ

Census New Update : जनगणना पर नया अपडेट। अगले साल से शुरू होने वाली जनगणना के पहले चरण में इस बार मकानों की गणना के समय प्रगणक, डिजिटल डिवायस साथ लेकर जाएगा। जानें क्यों?

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Rajasthan Census New Update First Time every house will have a digital address know more

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

Census New Update : अगले साल से शुरू होने वाली जनगणना के पहले चरण में इस बार मकानों की गणना के समय प्रगणक डिजिटल डिवायस साथ लेकर जाएगा। ऐप के माध्यम से होने वाले इस कार्य में हर मकान का डिजिटल एड्रेस तैयार होगा और जनगणना के दौरान पूछे जाने वालों सवालों के जवाब भी डिजिटल माध्यम से दर्ज किए जाएंगे। जनगणना से जुड़े अधिकारियों ने इसकी महत्ता बताते हुए कहा कि जनगणना-2011 में बैंक सुविधा के बारे में जानकारी ली गई, सरकार ने जन-धन खाते खोलने में इस जानकारी को आधार बनाया। आने वाली जनगणना में परिवार पर लोन के सम्बन्ध में प्रश्न पूछे जाने के संकेत मिल रहे हैं।

व्यक्ति करता क्या है? पूछा जा सकता है ये सवाल

जनगणना कार्य निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि जनगणना पहला ऐसा कार्य है, जिसमें सरकार लोगों के घर आती है। अन्य सभी कार्यों के लिए लोगों को सरकार के कार्यालयों में जाना पड़ता है। हर व्यक्ति से सवाल, चाहे भारतीय हो विदेशी जनगणना के दौरान बेघर, खपरैल सहित किसी भी मकान और पांच सितारा होटल में रहने वालों तक से जानकारी ली जाती है। जनगणना के दौरान यहां तक भी पूछा जाता है कि व्यक्ति करता क्या है, कहां रहता है। पहले निवास कहां रहा। जानकारी सभी से ली जाती है, चाहे वे भारतीय हैं या विदेशी।

नागरिकता से सम्बन्ध नहीं

जनगणना से जुडे अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जनगणना का नागरिकता से कोई सम्बन्ध नहीं है। इसमें तय मापदण्डों के अंतर्गत हर व्यक्ति शामिल होगा, चाहे वह विदेशी ही क्यों न हो।

प्रशिक्षण पर जोर, इस कारण दो चरणों में लगता है समय…

जनगणना अधिकारियों ने कहा कि मकानों से सम्बन्धित जानकारी अप्रेल से सितम्बर के बीच दर्ज की जाएगी, यह कार्य 30 दिन में पूरा होगा। व्यक्तिगत जानकारी से सम्बन्धित जनगणना का दूसरा चरण फरवरी 2027 में होगा। जनगणना कार्य से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि दूसरे चरण से पहले प्रशिक्षण का लंबा दौर होता है। पहले मास्टर ट्रेनर तैयार होते हैं, फिर ट्रेनर्स की दूसरी चैन तैयार होती है और प्रगणकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। जनगणना के दौरान पूछे जाने वाले सवालों का प्री टेस्ट कर उनकी व्यावहारिकता और सवाल पूछने के दौरान आने वाली कठिनाइयों के बारे में जानकारी ली जाती है। इस कारण ही पहले व दूसरे चरण के कार्य के बीच इतना लंबा अंतराल रखा जाता है।

राजस्थान में पहली बार डिजिटल जनगणना

पहली व्यवस्थित जनगणना 1872 में हुई और 2027 में आजाद भारत की सातवीं जनगणना होगी। उन्होंने कहा कि इस बार प्रगणक डिजिटल माध्यम से जनगणना की जानकारी दर्ज करेंगे, वहीं लोगों को भी स्वयं जनगणना की जानकारी भरने का विकल्प दिया जा रहा है।

गलत जानकारी पर जुर्माना या सजा

जनगणना में गलत जानकारी देने पर जुर्माना या सजा हो सकती है। कानून के अनुसार कोई व्यक्ति जनगणना से सम्बन्धित जानकारी देने से मना नहीं कर सकता। इस बार एनपीआर के लिए जानकारी नहीं जुटाई जाएगी। जल्द ही जनगणना के पहले चरण मकान सूचीकरण के लिए प्रश्नावली तैयार कर ली जाएगी।