Weather Updates : भारत मौसम विभाग बीकानेर केन्द्र में आज भी हवा की दिशा और वायु की गति मापने के लिए लगभग 150 साल पुरानी पद्धति का ही उपयोग हो रहा है। पढ़ें पूरे रिपोर्ट।
Weather Updates : बीकानेर. समय के साथ उपकरणों की तकनीक अपडेट हो रही है। परन्तु इन सबके बीच कुछ ऐसे उपकरण भी है जो कई साल पुरानी पद्धति पर आधारित है लेकिन अपने सटीक परिणाम से आज भी उपयोगी साबित हो रहे है। ऐसे ही कुछ उपकरण मौसम विभाग में मौसम के मिजाज की जानकारी लेने में काम लिए जा रहे है। भारत मौसम विभाग बीकानेर केन्द्र में आज भी हवा की दिशा और वायु की गति मापने के लिए लगभग 150 साल पुरानी पद्धति का ही उपयोग हो रहा है। यह उपकरण डिजिटल उपकरणों से अधिक विश्वसनीय होने और रख-रखाव आसान होने से आज भी चलन में है। केन्द्र में स्थापित विंड वेन और एनेमोमीटर उपकरण हवा की दिशा और वायु की गति मापने के काम आ रहे हैं।
पुरानी पद्धति के इन उपकरणों की एक खासियत यह भी है कि इनके लिए बिजली की आवश्यकता नहीं पड़ती। हवा से ही इनका संचालन होता है। इन दोनों उपकरणों की मरमत लगभग नहीं के बराबर है। हवा की दिशा और हवा की गति मापने के लिए सबसे विश्वसनीय माने जाते है।
मौसम विभाग के प्रभारी अधिकारी संजीव थानवी के अनुसार भारत मौसम विभाग की सेवाओं को 150 साल हो गए है। वर्ष 1877 में देश में भारत मौसम विभाग की सेवाएं प्रारंभ हुई थी। बीकानेर में वर्ष 1877 से विभाग की सेवाएं प्रारंभ हुई। विभाग का पहले कार्यालय सर्किट हाउस के सामने सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय के पास वाली गली में था। करीब 27 साल से मुरलीधर व्यास नगर में संचालित हो रहा है।
विंड वेन हवा की दिशा बताने वाला उपकरण है। इसे हवा दिशा सूचक यंत्र भी कहते हैं। इसमें हवा की दिशाओं को 16 भागों में बांटा गया है। शहर में हवा किस समय किस दिशा की ओर चल रही है, इसकी जानकारी यह देता है
एनेमोमीटर हवा की गति को मापने वाला उपकरण है। इसे वायु गति मापक यंत्र भी कहते हैं। यह हवा की गति को प्रति किलोमीटर की दर से दर्शाता है। यह मिक्स धातु से बना उपकरण है। किस समय कितनी गति से हवा चल रही है, इसकी जानकारी देता है।
पुरानी तकनीक से संचालित विंड वेन और एनेमोमीटर उपकरण अधिक विश्वसनीय है। ये उपकरण बिना बिजली के संचालित होते है। इनसे हर तीन घंटे के अंतराल पर रीडिंग ली जाती है। मौसम विभाग के अधिकांश केन्द्रों में हवा की दिशा और हवा की गति मापने के लिए इनका ही उपयोग होता है। हालांकि विभाग कुछ केन्द्रों पर अत्याधुनिक तकनीकके उपकरण भी आ गए है लेकिन इन्हें चलन से बाहर नहीं किया गया है।
संजीव थानवी, प्रभारी अधिकारी एवं मौसम विज्ञानी, भारत मौसम विभाग, बीकानेर