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राजस्थान में पंचायतीराज संस्थाओं के पुनर्गठन की कवायद, विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश

Rajasthan News : राजस्थान में पंचायतीराज संस्थाओं के पुनर्गठन की कवायद शुरू। जानें पंचायत और ब्लॉक बनाने के लिए क्या मानदंड निर्धारित किए गए हैं।

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Rajasthan Panchayati Raj institutions Reorganize Efforts Department issues Guidelines

Rajasthan News : नए साल में प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन की कवायद होगी। इसमें आबादी और क्षेत्रीय सहुलियत के लिहाज से मौजूदा पंचायतीराज संस्थाओं में बदलाव होंगे, वहीं नई पंचायतों एवं पंचायत समितियों का सृजन होगा। इस संबंध में ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज विभाग ने पंचायतीराज अनिधियम 1994 की धारा 101 के तहत पंचायतीराज संस्थाओं की सीमाओं में परिवर्तन को लेकर सभी कलक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

एक ही विधानसभा क्षेत्र में होगी नवसृजित या पुनर्गठित पंचायत

विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त डॉ. जोगाराम के पत्र के अनुसार 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन के मानदंड निर्धारित किए गए हैं। इसमें ग्राम पंचायतों के लिए न्यूनतम 3 और अधिकतम 5.5 हजार की आबादी होगी। अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों में आबादी दो से चार हजार रखी जाएगी। किसी ग्राम के निवासियों की मांग और प्रशासनिक दृष्टि से ग्राम को मौजूदा से दूसरी पंचायत में शामिल किया जा सकेगा, लेकिन उसकी दूरी पंचायत मुख्यालय से छह किमी से ज्यादा नहीं होगी। दूरी निर्धारण में कलक्टर प्रशासनिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से निर्णय कर सकेंगे, लेकिन किसी भी राजस्व ग्राम को विभाजित कर अलग-अलग पंचायतों नहीं किया जाएगा। इसी तरह नवसृजित या पुनर्गठित पंचायत एक ही विधानसभा क्षेत्र में होगी।

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न्यूनतम 25 पंचायतों की होगी नवसृजित पंचायत समिति

पंचायत समितियों में 40 या इससे ज्यादा पंचायतें या 2 लाख या इससे अधिक आबादी होने पर पुनर्गठन के दायरे में आएंगे। नवसृजन में न्यूनतम 25 ग्राम पंचायतें शामिल होंगी। किसी पंचायत समिति में 42 पंचायतें हैं तो पुनर्गठन में 25 एक में शामिल होने पर बची 17 पंचायतों के साथ करीबी दूसरी पंचायत समिति की आठ पंचायतें जोड़ी जा सकेंगी। यह संभव नहीं होने पर भी ब्लॉक 25 से कम पंचायतों का बनेगा। इसके दीगर, अनुसूचित क्षेत्रों में मानदंड में आबादी के लिहाज से थोड़ी शिथिलता यानी डेढ़ लाख तक जनसंख्या रह सकेगी, लेकिन नवसृजित पंचायत समिति में न्यूनतम 20 पंचायतें सम्मिलित होंगी। जन सुविधा और प्रशासनिक दृष्टि से नवसृजित या पुनर्गठित पंचायत समिति में नजदीकी पंचायतों को सम्मिलित किया जा सकेगा, लेकिन एक ग्राम पंचायत विभाजित कर दो पंचायत समितियों में नहीं रखा जाएगा।

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यह रहेगा टाइम फ्रेम

20 जनवरी से 18 फरवरी तक कलक्टर द्वारा नई ग्राम पंचायतों एवं पंचायत समितियों के प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। इसके बाद इनका प्रकाशन कर आपत्तियां मांगी जाएंगी। 21 मार्च तक प्राप्त आपत्तियों का 23 मार्च से दस दिन में निस्तारण किया जाएगा। फिर समेकित प्रस्ताव 3 से 15 अप्रेल के बीच जिलों से पंचायतीराज विभाग को भेजे जाएंगे।

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