Rajasthan Panchayat Election: राजस्थान में पंचायत चुनावों पर लगी रोक के कारण गांवों की राजनीति उलझकर रह गई है।
बीकानेर/महाजन। राजस्थान में पंचायत चुनावों पर लगी रोक के कारण गांवों की राजनीति उलझकर रह गई है। दावेदारों ने जिस उम्मीद व उत्साह के साथ चुनावों की तैयारियां की थी, वो सब निर्वाचन आयोग के एसआईआर के आदेश के बाद धरी की धरी रह गई। जिससे प्रत्याशी निराश है। वहीं, उनके समर्थक भी मायूस नजर आने लगे हैं। अब हथाई का मुद्दा पंचायत चुनाव की फरवरी 2026 के बाद तारीख पर केंद्रित हो गया है। गौरतलब है कि अक्टूबर में पंचायतों का कार्यकाल पूर्ण होने के कारण पंचायत चुनावों में सरपंच व वार्ड पंच के दावेदारों ने शादी की तरह तैयारियां की थी।
मान-मनुहार से लेकर सभी रस्में निभाई जाने लगी थी। परन्तु ऐनवक्त पर एसआईआर की घोषणा से दावेदारों के अरमान आंसूओं में बह गए। जैसे ही पंचायतों का कार्यकाल पूर्ण हुआ उसके साथ ही महाजन, अरजनसर, बडेरण, रामबाग, शेरपुरा, जैतपुर, बालादेसर सहित आसपास की दर्जनों ग्राम पंचायतों में सरपंच बनने का ख्वाब देख रहे दावेदारों ने अपने समीकरण बैठाने प्रारम्भ कर दिए थे।
दावेदार मतदाताओं के घर पर दस्तक देने लगे थे वहीं सामाजिक बैठकों में भी दावेदारों के पक्ष-विपक्ष में समीकरण तय होने लगे थे। कस्बे सहित कई जगह तो सरपंच दावेदारों ने खर्चे भी शुरू कर दिए थे। पिछले पंचायती राज चुनाव में कम अंतर से हारे दावेदार जहां कमियां सुधारने में लगे हुए थे। वहीं, जीते हुए उम्मीदवार भी फिर से भाग्य आजमाने व रूठों को मनाने में दिन-रात भागदौड़ करते दिखाई दे रहे थे। लेकिन अचानक एसआईआर से फरवरी महीने तक चुनाव नहीं होने से उम्मीदवारों की तैयारी धरी रह गई।
अब चुनाव फरवरी महीने के बाद में होने से दावेदारों की परेशानी सबसे अधिक बढ़ गई है। उम्मीदवारों का चुनावी खर्च भी अब ज्यादा लगेगा। अब तक जो खर्चा किया वो व्यर्थ चला गया। अब तारीख घोषित होने पर नए सिरे से सबकुछ व्यवस्था करनी पड़ेगी। वहीं, अपने वोट बैंक में भी सेंधमारी होने का खतरा मंडराने लगा है। सरपंच दावेदारों के कार्यालयों में भी इन दिनों सन्नाटा नजर आने लगा है। गांवों व कस्बों में अब सार्वजनिक स्थलों पर चौपाल, गुवाड़ में हथाई का केन्द्र चुनाव की आगामी तारीख बन गया है।