बीकानेर में हर महीने FASTag से पैसे कटने के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, ये कैसे हो रहा है? ये साइबर ठगी है या तकनीकी गड़बड़ी, जांच के बिना कहना मुश्किल है।
बीकानेर। FASTag सुविधा अब लोगों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है। मामला सिर्फ टोल बैरियर पर गड़बड़ी तक सीमित नहीं, बल्कि अब गैराज में खड़ी गाड़ियों से भी शुल्क वसूला जा रहा है। हाल ही में बीकानेर में दो ऐसे मामले सामने आए, जहां गाड़ी घर पर खड़ी थी, लेकिन टोल दूसरे शहर में कट गया।
करणीनगर निवासी रघुवीर सिंह के मोबाइल पर गुरुवार शाम 8:25 बजे मैसेज आया कि उनके फास्टैग से 335 रुपए संगरिया टोल प्लाजा पर काटे गए। जबकि उनकी गाड़ी पूरे दिन घर से बाहर निकली ही नहीं। रघुवीर ने कंपनी पर गंभीर सवाल खड़े किए और इसे धांधली और गैर-कानूनी वसूली करार दिया।
केईएम रोड निवासी केपी काबरा की गाड़ी 17 सितंबर को पूरे दिन घर के गैराज में खड़ी रही। लेकिन रात 9:43 बजे उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि फलौदी टोल पर 45 रुपए काटे गए हैं। काबरा ने तुरंत टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराई।
विशेषज्ञों के अनुसार, फास्टैग से गलत तरीके से टोल कटने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें फास्टैग सिस्टम या सेंसर में तकनीकी खराबी, फास्टैग की हैकिंग, टोल प्लाजा के स्कैनर की गड़बड़ी जैसे कारण शामिल हैं।
यदि गैराज में खड़ी गाड़ी से भी टोल कट जाए, तो पीड़ित एनएचएआई के टोल फ्री नंबर 1033 पर शिकायत के अलावा संबंधित टोल प्लाजा पर संपर्क कर अपनी शिकायत दे सकते हैं। गलत तरीके से कटा टोल साबित होने पर रिफंड भी मांग सकते हैं। लेकिन इसमें बड़ी समस्या ये है कि कटे हुए टोल की रकम पाने में उससे कई गुना ज्यादा पैसे और समय की बर्बादी करनी पड़ सकती है।